देशभर की चर्चित राज्य जम्मू कश्मीर अपने राज्य के युवाओं को इन दिनों 2 लाख रुपए देकर उन्हें स्वरोजगार स्थापित के लिये प्रेरित कर रही है। वहीं पत्थरबाजों को इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। पहलगाम हमले के बाद पूरे देश में गम और गुस्से का माहौल है।
युवाओं को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिले
अप्रैल 2025 में जम्मू व कश्मीर में आतंकियों ने एक बार फिर अमन-चैन को भंग करने की कोशिश की है। इसी बीच जम्मू कश्मीर में खासतौर से घाटी में पिछले कुछ सालों में जिला प्रशासन लगातार माहौल बदलने की कोशिश में है तो वहीं युवाओं को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिले।
सरकार की मंशा, अपने पैरों में खड़े हों युवा
सरकार चाहती है की राज्य का हर युवा अपने पैरों पर खड़ा हो और गलत गतविधियों में संलिप्त न हो। सबसे बड़ी बात ये है कि जम्मू व कश्मीर में रहने वाले गरीब लोग, महिलाओं, बुजुर्गों और युवाओं के लिए 2025 में कई तरह की योजनाएं संचालित की जा रही हैं।
राज्य में स्वरोजगार के अवसर मिलने से अपना रोजगार स्थापित करें। यही नहीं महिलाओं को उद्यमी बनाने के लिए कई तरह से मदद की जा रही है। जम्मू-कश्मीर में एक ऐसी ही योजना है, जिसके हिसाब से हिंसा में अपनों को खोने वालों के परिजनों को सरकार फिर से पैरों पर खड़ा करने में मदद करती है।
यह है योजना
2025 में जम्मू व कश्मीर में ‘सहायता’ (SAYHTA – Sympathetic Assistance and Handholding for Youth Transformation and Amelioration) नाम से एक योजना चलाई जा रही है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य 18 से 40 साल के साल के ऐसे युवाओं को आर्थिक मदद करें, इसके साथ ही जिन्होंने हिंसा, सीमा पार से फायरिंग या बम ब्लास्ट में अपने किसी रिश्तेदार को खोया हो।
अगर इस वजह से कोई युवा या उसका रिश्तेदार दिव्यांग हो गया है तो भी उसे स्वरोजगार शुरू करने के लिए मदद की जाती है। तो वहीं अगर दिव्यांगता 50 फीसदी से ज्यादा है, तो वह इस योजना के लिए आवेदन भी कर सकता है।
आय प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं
सबसे बड़ी बात ये है कि इस योजना में किसी तरह की कोई आय का सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। अगर कोई अपना काम शुरू करना चाहता है तो सरकार उस प्रोजेक्ट की लागत या फिर 2 लाख रुपये अपनी ओर से देती है। अगर प्रोजेक्ट की लागत इससे ज्यादा है तो उसका इंतजाम आवेदक को स्वयं करना होता है। यह पैसा दो किस्तों में दिया जाता है। पहली किस्त काम शुरू करने के वक्त आती है ।
पत्थरबाजों को नहीं मिल रहा योजना का लाभ
सबसे बड़ी बात जो सभी को जानने की जरूरत है। वह ये है कि इस योजना का लाभ उन्हीं लोगों को दिया जा रहा है जो गलत गतिविधियों में नहीं है। इस योजना की पहली शर्त है कि आवेदक कभी भी किसी प्रकार की हिंसा में शामिल न रहा हो। इसके लिए उसे प्रशासन की ओर से सर्टिफिकेट की जरूरत होगी।
इसके अलावा रिश्तेदार का मृत्यु प्रमाण पत्र, अपने सारे दस्तावेज (जैसे आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, डोमिसाइल सर्टिफिकेट, बेरोजगारी सर्टिफिकेट) वगैरह आवेदन फॉर्म के साथ घटना के दो सालों के भीतर डिप्टी आयुक्तके ऑफिस में जमा कराने होते हैं। इसके बाद सत्यापान होती है और बैंक की मंजूरी मिलने के बाद पैसा खाते में ट्रांसफर कर दिया जाता है।