दरअसल, पिछले साल लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट पर एक 1,000 फोन से भरा एक बॉक्स मिला, जो हॉन्गकॉन्ग भेजा जा रहा था. पुलिस जांच में पता चला कि लगभग सभी फोन चोरी के थे. इसके बाद दिसंबर 2024 में पुलिस ने ऑपरेशन इकोस्टीप लॉन्च किया. फिर ऐसे ही कई और शिपमेंट्स भी मिले.
इस साल कितनी घटनाओं का पर्दाफाश हुआ
इस साल 20 सितंबर को एक शख्स को 10 चोरी के फोन के साथ हीथ्रो एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया. उसके पास 2 आईपैड, 2 लैपटॉप और 2 रोलेक्स घड़ियां भी मिलीं. जांच में पता चला कि उस शख्स ने लंदन से अल्जीरिया के बीच बीते 2 साल में 200 से ज्यादा बार यात्रा की है. तीन दिन बाद 2 और लोगों को गिरफ्तार किया गया. उनकी कार में 2 हजार से ज्यादा चोरी के डिवाइस मिले.
फिर 25 सितंबर को इस्लिंग्टन में एक फोन दुकान से लगभग 40,000 पाउंड कैश और चोरी के डिवाइस मिले. पुलिस ने कुल 46 गिरफ्तारी की, जिसमें 11 गिरफ्तारियां उन गिरोहों की थीं, जो नए iPhone 17 की डिलीवरी वैन लूट रहे थे. पिछले हफ्ते भी 15 लोगों को चोरी, चोरी के डिवाइस रखने और साजिश के आरोप में पकड़ा गया. 28 अलग-अलग जगहों पर छापेमारी के दौरान 30 से ज्यादा चोरी हुए डिवाइस मिले
फोन कंपनियों से लंदन के मेयर की अपील
लंदन के मेयर सादिक खान ने पुलिस की इस कार्रवाई की सराहना की और कहा कि इस साल लंदन में चोरी और लूट में 13% और 14% की कमी आई है. उन्होंने कहा कि यह ब्रिटेन का सबसे बड़ा ऑपरेशन है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय तस्करी गिरोहों और सड़कों पर चोरी करने वालों दोनों को कड़ी कार्रवाई मिली.
सादिक खान ने मोबाइल फोन इंडस्ट्री से अपील की कि वे चोरी हुए फोन को बेकार करने के लिए तेजी से काम करें ताकि तस्कर इनका इस्तेमाल न कर सकें. उन्होंने कहा कि चोरी हुए फोन से क्रिमिनल्स करोड़ों कमा रहे हैं क्योंकि वे क्लाउड सेवाओं तक एक्सेस हासिल कर लेते हैं.
चोरी के फोन चीन क्यों भेजे जाते हैं?
ऑपरेशन इकोस्टीप के सीनियर इन्वेस्टिगेटिंग ऑफिसर गैविन ने बताया कि तस्कर खासतौर पर Apple प्रोडक्ट्स को निशाना बनाते हैं, क्योंकि उनकी विदेशों में कीमत ज्यादा होती है. सड़क से चोरी करने वाले को एक फोन के लिए 300 पाउंड तक मिलते हैं. वहीं चीन में इन फोन की कीमत 5,000 डॉलर (लगभग 3,710 पाउंड) तक होती है. यानी एक फोन की कीमत
मेट्रोपोलिटन पुलिस में फोन चोरी रोकने के प्रमुख कमांडर एंड्रयू फेदरस्टोन हैं. उन्होंने कहा कि यह ब्रिटेन में मोबाइल फोन चोरी और लूट पर सबसे बड़ी कार्रवाई है. इस तरह के कई ऑपरेशन कभी नहीं हुए.