PPF या NPS किस स्कीम में होगी ज्यादा कमाई, कहां मिलता है शानदार ब्याज?

PPF या NPS किस स्कीम में होगी ज्यादा कमाई, कहां मिलता है शानदार ब्याज?
रिटायरमेंट के बाद पैसों की तंगी न झेलनी पड़े. फाइनेंशियल जरूरत पूरी होती रहे इसके लिए जरूरी है एक बेहतर प्लान की. एक ऐसी स्कीम की जिसमें निवेश करके आप अपने बुढ़ापे में मजे से जिंदगी जी सकते हैं. आइए आपको PPF और NPS दो सरकारी योजनाओं के बारे में आपको बताते हैं, जिसमें शानदार रिटर्न मिलता है. दोनों के अपने फायदे हैं.

पब्लिक प्रोविडेंट फंड

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए रिटायरमेंट बचत योजना है. कर्मचारी हर महीने अपनी मूल सैलरी और महंगाई भत्ते का 12% पीपीएफ खाते में जमा करता है और उतनी ही राशि नियोक्ता भी देता है. यह राशि अधिकतम 15,000 रुपये प्रति माह तक सीमित है, लेकिन कर्मचारी स्वेच्छा से इससे ज्यादा जमा कर सकते हैं. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) इस कोष का प्रबंधन करता है और वर्तमान में 8.25% वार्षिक ब्याज देता है. आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80सी के तहत पुराने कर नियम में 1.5 लाख रुपये तक की जमा पर कर छूट मिलती है. 2.5 लाख रुपये तक की जमा पर ब्याज भी कर-मुक्त है. पांच साल की निरंतर सेवा के बाद पीपीएफ का परिपक्व कोष पूरी तरह कर-मुक्त हो जाता है. सुरक्षित रिटर्न और कर लाभ चाहने वालों के लिए पीपीएफ अच्छा विकल्प है.

NPS

नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) 18 से 70 वर्ष की आयु के सभी भारतीय नागरिकों के लिए खुली सरकारी रिटायरमेंट योजना है. इसमें जमा राशि को इक्विटी, डेट और सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश किया जाता है. धारा 80सी और 80सीसीडी(1बी) के तहत 2 लाख रुपये तक की जमा पर कर छूट मिलती है. एनपीएस में जमा की कोई ऊपरी सीमा नहीं है, लेकिन न्यूनतम 500 रुपये जमा करने जरूरी हैं. पीपीएफ के विपरीत, एनपीएस में रिटर्न की गारंटी नहीं है, क्योंकि यह शेयर बाजार के प्रदर्शन पर निर्भर करता है. फिर भी, पिछले रुझानों के अनुसार, एनपीएस ने 8-10% वार्षिक रिटर्न दिया है. रिटायरमेंट पर 60% कोष निकाला जा सकता है, और बाकी 40% से मासिक पेंशन योजना खरीदनी पड़ती है.