Mayawati ने गठबंधन पर तोड़ी चुप्पी, कहा ‘पार्टी की छवि बिगाड़ने की हो रही साजिश’

Mayawati ने गठबंधन पर तोड़ी चुप्पी, कहा ‘पार्टी की छवि बिगाड़ने की हो रही साजिश’

बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने एक बयान जारी कर अपनी पार्टी की स्वतंत्र राजनीतिक नीति को दोहराया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बीएसपी न तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एनडीए गठबंधन के साथ है और न ही कांग्रेस के इंडी गठबंधन से जुड़ी है। मायावती ने जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के “सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय” के सिद्धांतों पर चलती है, जो दलित, आदिवासी, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों के उत्थान के लिए समर्पित है। मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट में लिखा, “जैसा कि सर्वविदित है कि बहुजन समाज पार्टी (बी.एस.पी.) ना तो बीजेपी के एनडीए गठबंधन के साथ है और ना ही कांग्रेस के इंडिया समूह (गठबंधन) के साथ है, और ना ही किसी और के साथ है, बल्कि इन दोनों व अन्य और किसी भी जातिवादी गठबंधनों से अलग अपनी ’सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय’ के अंबेडकरवादी सिद्धांत व नीति पर चलने वाली पार्टी है।”

यहां से पढ़ें ट्वीट..

मायावती ने यूट्यूब चैनल पर डली हुई गठबंधन की खबरों को बताया तथ्यहीन

मायावती ने आगे लिखा, इसके बावजूद भी ख़ासकर दलित, आदिवासी एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विरोधी तथा इन वर्गों के प्रति जातिवादी मानसिकता रखने वाले कुछ मीडिया बी.एस.पी. की इमेज को बीच-बीच में धूमिल करने व राजनीतिक नुकसान पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते हैं, जिसको लेकर पार्टी को लगातार अपने लोगों को इनसे सतर्क करते रहने की जरूरत पड़ती रहती है।” पोस्ट में आगे लिखा कि इस क्रम में अभी हाल में एक यूट्यूब चैनल में ’’बीजेपी के साथ आ गयी मायावती कर दिया बड़ा ऐलान?’’ इस शीर्षक से गलत, तथ्यहीन व विषैली ख़बर चलायी है, जबकि उसके भीतर न्यूज़ में कुछ और है। इस प्रकार से चैनल द्वारा पार्टी की इमेज को ख़ासकर चुनाव के पूर्व इस प्रकार का आघात पहुंचाने का जो यह घिनौना प्रयास किया गया है उसकी जितनी भी निंदा व भर्त्सना की जाए, वह कम है। चैनल को इसके लिए माफी भी ज़रूर मांगनी चाहिये।

मायावती ने आगे कहा, “साथ ही, पार्टी के लोगों से यह विशेष आग्रह है कि वे राजनीतिक षड्यंत्र के तहत मीडिया के इस प्रकार के घिनौने हथकण्डों से हमेशा ज़रूर सावधान रहें और किसी के भी बहकावे में ना आएं, क्योंकि जातिवादी तत्व अपने अम्बेडकरवादी कारवां को कमजोर करने के घिनौने षड्यंत्र में हमेशा किसी न किसी रूप में लगे रहते हैं।”