ITR फाइलिंग की अंतिम तारीख 15 सितंबर 2025 अब बहुत करीब आ चुकी है. आखिरी समय में ज्यादातर लोग रिटर्न फाइलिंग करने की जल्दबाजी में रहते हैं. लेकिन ऐसे में गलतियां होने की संभावना भी काफी बढ़ जाती हैं. इस जल्दबाजी के कारण गलत फॉर्म भरने या गलत जानकारी देने से बड़ी परेशानी हो सकती है.
खासकर जब आप लास्ट मिनट में ITR फाइल कर रहे हों, तो सामान्य गलतियां आपकी रिटर्न प्रोसेसिंग में दिक्कतें भी पैदा कर सकती हैं. आइए जानते हैं, ऐसे में ITR भरते वक्त कौन-कौन सी गलतियां हो सकती हैं और उनसे कैसे बच सकते हैं…
डॉक्यूमेंट्स को पहले से तैयार करें
अक्सर आखिरी वक्त पर लोग जरूरी दस्तावेज इकट्ठा नहीं करते, जिससे गलतियां हो जाती हैं. इसलिए अपना फॉर्म 16, फॉर्म 26AS (TDS का रिकॉर्ड), आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक स्टेटमेंट और निवेश के प्रमाण पहले से तैयार रखें. इन डॉक्यूमेंट्स की मदद से आप अपनी आय और कटौती सही ढंग से दर्ज कर पाएंगे.
सही ITR फॉर्म चुनना जरूरी
हर व्यक्ति के लिए एक ही तरह का ITR फॉर्म नहीं होता. उदाहरण के लिए, अगर आपकी आय वेतन से है और ₹50 लाख से कम है, तो ITR-1 फॉर्म आपके लिए सही रहेगा. लेकिन यदि आपके पास बिजनेस से आय है या आप फ्रीलांसर हैं, तो ITR-3 फॉर्म भरना होगा. गलत फॉर्म चुनने से रिटर्न रिजेक्ट हो सकता है या नोटिस आ सकते हैं.
आम गलतियां और उनसे बचाव
सबसे आम गलती होती है फॉर्म 26AS और AIS की जांच न करना. यह दोनों डॉक्यूमेंट्स आपकी आय और टैक्स कटौती का पूरा रिकॉर्ड देते हैं. अगर इनमें कोई गलती होगी और आप उसे सुधारेंगे नहीं, तो आपको टैक्स विभाग से नोटिस मिल सकता है. वहीं अगर आपने अपना रिटर्न फाइल कर दिया लेकिन उसे वेरिफाई नहीं किया, तो आपका रिटर्न मान्य नहीं होगा. इसे फाइल करने के 30 दिन के अंदर ई-वेरिफाई करना जरूरी है.
लेट फाइलिंग का जुर्माना
अगर आप 15 सितंबर के बाद भी रिटर्न फाइल करते हैं तो आपको जुर्माना भरना पड़ सकता है. ₹5 लाख से अधिक आय वालों पर ₹5,000 तक का जुर्माना और कम आय वालों पर ₹1,000 तक का जुर्माना लग सकता है. इसलिए आखिरी तारीख से पहले रिटर्न फाइल करना ही समझदारी है।
लास्ट मिनट फाइलिंग के लिए बेस्ट टिप्स
पहले से दस्तावेज तैयार रखें ताकि आखिरी वक्त में कोई दस्तावेज न छूटे इसके साथ ही फॉर्म 26AS और AIS जरूर चेक करें, सही ITR फॉर्म चुनें, अपनी सारी आय के स्रोत सही तरीके से दर्ज करें और फॉर्म भरने के बाद तुरंत ई-वेरिफिकेशन करें. इसके अलावा अगर जरूरत हो तो विशेषज्ञ की मदद लें, ताकि कोई गलती न हो.