मुंबई की रियल एस्टेट डेवलपर कल्पतरु ने आईपीओ के जरिए शेयर बाजार में लिस्टिंग की योजना बनाई है। इसके तहत कंपनी ने पूंजी बाजार नियामक सेबी के पास ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) दायर किया है। आईपीओ में बिना किसी ऑफर-फॉर-सेल के 1,590 करोड़ रुपये के नए इक्विटी शेयर जारी किए जा रहे हैं। इसके अलावा कंपनी प्री-आईपीओ प्लेसमेंट में 318 करोड़ रुपये जुटा सकती है। ऐसे में इश्यू का साइज कम हो सकता है। इस आईपीओ के बुक-रनिंग लीड मैनेजर आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज, जेएम फाइनेंशियल और नोमुरा फाइनेंशियल एडवाइजरी एंड सिक्योरिटीज (इंडिया) हैं।
क्या होगा आईपीओ के पैसे का
इस आईपीओ से मिले पैसे का कंपनी 1,192.5 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाएगी। शेष रकम का उपयोग सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा। बता दें कि मोफतराज पी मुनोट और पराग एम मुनोट प्रवर्तित कंपनी पर जून 2024 तक कुल 10,747.69 करोड़ रुपये का कर्ज था।
कंपनी के बारे में
यह कंपनी 1969 में स्थापित कल्पतरु समूह का एक हिस्सा है। यानी करीब 53 साल पुराने समूह की कंपनी है। समूह की अन्य कंपनियां कल्पतरु प्रोजेक्ट्स इंटरनेशनल, प्रॉपर्टी सॉल्यूशंस (इंडिया) और श्री शुभम लॉजिस्टिक्स हैं। बता दें कि कल्पतरु ने वित्त वर्ष 2024 के लिए 113.8 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया, जो पिछले वर्ष के 226.8 करोड़ रुपये के नुकसान से कम है। बीते वर्ष के लिए राजस्व 47 प्रतिशत गिरकर 1,930 करोड़ रुपये हो गया, जबकि इससे पहले यह 3,633.2 करोड़ रुपये था।
कंपनी के कॉम्पिटिटर
यह कंपनी ओबेरॉय रियल्टी, मैक्रोटेक डेवलपर्स, गोदरेज प्रॉपर्टीज, सनटेक रियल्टी, महिंद्रा लाइफस्पेस डेवलपर्स, कीस्टोन रियलटर्स और प्रेस्टीज एस्टेट प्रोजेक्ट्स के साथ प्रतिस्पर्धा करती है। इसकी 49.77 मिलियन वर्ग फुट के विकास योग्य क्षेत्र के साथ 40 चालू, आगामी और नियोजित परियोजनाएं हैं। कंपनी की अधिकांश परियोजनाएं मुंबई मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र (एमएमआर) और पुणे, महाराष्ट्र में केंद्रित हैं। इसकी हैदराबाद यानी तेलंगाना और नोएडा यानी उत्तर प्रदेश में भी परियोजनाएं चल रही हैं।