Indian Railway : 290 किमी लंबी तीसरी रेल लाइन पर जनवरी से दौड़ेंगी ट्रेन-मालगाड़ी

मध्‍य प्रदेश के कटनी-बीना तीसरी रेल लाइन बनने के बाद जबलपुर रेल मंडल के साथ भोपाल, बिलासपुर, नागपुर, झांसी और मुंबई रेल मंडल से गुजरने वाली ट्रेनों को भी फायदा मिलेगी। ट्रेनों की रफ्तार बढ़ेगी, सफर का समय कम होगा, मालगाड़ी के परिचालन के लिए वैकल्पिक ट्रैक मिलेगा साथ ही ट्रेनें की लेटलतीफी भी रुकेगी।

जबलपुर रेल मंडल की पहली तीसरी रेल लाइन कटनी से बीना के बीच बनाई जा रही है, जो दिसंबर अंत तक बनकर तैयार हो जाएगी। 290 किमी लंबी तीसरी रेल लाइन में करीबन 250 किमी तक रेलवे ट्रैक बिछा दिया गया है और 40 किमी का काम शेष रह गया है।

काम को 31 दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा

जबलपुर रेल मंडल का दावा है कि इस काम को 31 दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा और जनवरी माह से नई लाइन से ट्रेनों को परिचालन शुरू कर दिया जाएगा।

तीन जगह पर 40 किमी का काम अधूरा

कटनी से बीना के बीच बन रही तीसरी रेल लाइन में करीब 40 किमी का काम शेष रह गया है। इसमें गिरवार से गणेशगंज तक 13 किमी का काम शेष है।

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14 किमी रेल लाइन बिछाने का काम जारी

बंदकपुर से घटेरा तक 11 किमी और असलाना से पथरिया तक 14 किमी की रेल लाइन बिछाने का अभी काम चल रहा है।जबलपुर रेल मंडल का दावा है कि इसे दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा।

पटरियां बिछाने के दौरान मुश्किलें आ रही हैं

जनवरी में कमिश्नर रेल सेफ्टी की स्वीकृति लेकर इस पर ट्रेनों का संचालन शुरू करने की योजना है। हालांकि तीन पेंच वर्क में पटरियां बिछाने के दौरान मुश्किलें आ रही हैं।

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भौगोलिक परिस्थिति विपरीत

यहां की भौगोलिक परिस्थिति विपरीत होने की वजह से पटरी बिछाने और पुल निर्माण का काम दिसंबर तक पूरा करना है।

24 घंटे में गुजरती हैं 240 ट्रेन और 100 मालगाड़ी

जबलपुर रेल मंडल की कटनी-बीना रेल लाइन रेलवे की सबसे व्यस्त रेल लाइनों में से एक है। यहां से करीब 240 से ज्यादा ट्रेनें 14 से ज्यादा राज्यों के लिए ट्रेनों गुजरती हैं। इनमें मध्यप्रदेश के अलावा उत्तर और दक्षिण भारत के राज्य प्रमुख है।

दिल्ली से रायपुर के लिए यह रूट महत्वपूर्ण

दिल्ली से रायपुर की ओर जाने-आने वाली ट्रेनें होें या फिर मुंंबई से लखनऊ, पटना जाने और आने वाली ट्रेनें हों। इस रूट से होकर ही गुजरती हैं। वहीं मालगाड़ी के संचालन के लिए भी यह रूट महत्वपूर्ण है।

डबल रेल लाइन, लेकिन रूट की व्यस्तता

वर्तमान में यहां डबल रेल लाइन है, लेकिन इस रूट की व्यस्तता को देखते हुए करीब छह साल पूर्व तीसरी रेल लाइन बनाने का काम शुरू किया गया था। तब से अब तक के दौरान भी इसकी लागत तीन हजार करोड़ तक जा पहुंची है।

यह होगा फायदा

  • डबल लाइन से यात्री ट्रेन और मालगाड़ी दोनों चलती हैं, लेकिन तीसरी रेल लाइन के बनने से मालगाड़ी को अलग रूट मिलेगा
  • डबल रेल लाइन पर सिर्फ यात्री ट्रेनें ही चलेगी, जिस वजह से मालगाड़ियों के परिचालन के लिए ट्रेनों को अब नहीं रोका जाएगा।
  • इस ट्रैक पर 130 किमी प्रति घंटे से ट्रेनों को चलाया जाएगा, जिससे ट्रेनों की रफ्तार बढ़ेगी और सफर का समय भी काम होगा।
  • यात्री ट्रेनों की संख्या में इजाफा किया जा सकेगा वहीं यात्रियों को भी आरामदायक सफर होगा।

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