IIITDM के हॉस्टल में बीटेक छात्र की मौत.
मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में एक बार फिर रैगिंग से पीड़ित छात्र ने आत्महत्या कर ली. ट्रिपल आईटीडीएम (IIITDM) डुमना रोड स्थित हॉस्टल में बीटेक प्रथम वर्ष के छात्र उत्कर्ष तिवारी की संदिग्ध मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. परिजनों का आरोप है कि उनके बेटे की मौत किसी हादसे या आत्महत्या का नतीजा नहीं, बल्कि रैगिंग और उसके बाद हत्या की गई है. वहीं पुलिस अब इस पूरे मामले की जांच हत्या और रैगिंग दोनों एंगल से कर रही है.
दरअसल, मंगलवार दोपहर 12 बजे के करीब अचानक पाणिनी हॉस्टल की चौथी मंजिल से उत्कर्ष नीचे गिर पड़ा. साथी छात्रों ने तुरंत उसे अस्पताल पहुंचाया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. 19 वर्षीय उत्कर्ष तिवारी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के बरपुर बलवरगंज का रहने वाला था. उसने महज एक महीने पहले ही IIITDM में दाखिला लिया था और पाणिनी हॉस्टल की चौथी मंजिल पर रह रहा था.
एजुकेशन लोन को लेकर तनाव में था उत्कर्ष!
पुलिस और परिजनों की अलग-अलग थ्योरी ने मामले को और पेचीदा बना दिया है. संस्थान प्रबंधन का कहना है कि उत्कर्ष एजुकेशन लोन को लेकर तनाव में था और यही वजह रही कि उसने संभवतः यह कदम उठाया. संस्थान के निदेशक बी.के. सिंह ने दावा किया कि छात्र ने घटना से पहले अपने चाचा से इस विषय पर बातचीत भी की थी, लेकिन मृतक के परिजनों ने इस तर्क को सिरे से नकार दिया. उनका कहना है कि उत्कर्ष लोन को लेकर बिल्कुल भी तनावग्रस्त नहीं था.
उत्कर्ष के भाई रोहित तिवारी ने कहा कि मेरा भाई मानसिक रूप से बेहद मजबूत था. लोन जैसी बातों से वह कभी परेशान नहीं हो सकता. यह सीधी-सीधी हत्या है. उसे चौथी मंजिल से धक्का देकर गिराया गया है. इसी तरह उसके बड़े पिता विभु कुमार तिवारी ने भी संस्थान पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि कॉलेज प्रबंधन मामले को दबाने की कोशिश कर रहा है.
हॉस्टल की छत से धक्का देने का आरोप
इस पर मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए. इसके साथ ही परिजनों ने आरोप लगाया कि उत्कर्ष की मौत रैगिंग का नतीजा है. उन्होंने आशंका जताई कि पहले उसके साथ मारपीट की गई और फिर उसे छत से नीचे धक्का दे दिया गया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी छात्र के चेहरे और पीठ पर गंभीर चोटों के निशान पाए गए हैं, जिससे हत्या की आशंका और गहरा गई है.
एडिशनल एसपी सूर्यकांत शर्मा ने दी जानकारी
बहरहाल खमरिया थाना पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. एडिशनल एसपी सूर्यकांत शर्मा ने बताया कि पुलिस हर एंगल से जांच कर रही है. मृतक छात्र के दोस्तों और हॉस्टल में रहने वाले छात्रों से पूछताछ की जा रही है. हत्या और रैगिंग दोनों ही पहलुओं को ध्यान में रखकर जांच की जा रही है. इससे पहले भी जबलपुर के नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में एक छात्र ने रैगिंग से परेशान होकर आत्महत्या कर ली थी. ऐसे में लगातार हो रही घटनाओं ने संस्थानों में सुरक्षा व्यवस्था और एंटी-रैगिंग सेल की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
फिलहाल पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट और हॉस्टल में रहने वाले छात्रों के बयान के आधार पर जांच आगे बढ़ा रही है. उत्कर्ष की मौत हादसा थी, आत्महत्या थी या फिर रैगिंग के बाद हत्या यह आने वाले दिनों में स्पष्ट हो सकेगा, लेकिन इतना तय है कि इस घटना ने एक बार फिर से रैगिंग जैसे अमानवीय अपराध को कटघरे में खड़ा कर दिया है.