झारखंड में 100 करोड़ से अधिक के शराब घोटाला मामले में जांच कर रही एसीबी ने रायपुर सेंट्रल जेल में बंद आइएएस अरुण पति त्रिपाठी को रिमांड पर लेने के लिए कोई से इजाजत मांगी है। अरुण पति त्रिपाठी को सीबी ने 12 अप्रैल 2024 को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
झारखंड में 100 करोड़ से अधिक के शराब घोटाला मामले में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत जांच कर रही एसीबी ने अब छत्तीसगढ़ के रायपुर सेंट्रल जेल में बंद आइएएस अरुण पति त्रिपाठी को रिमांड पर लेने के लिए रांची स्थित एसीबी की विशेष अदालत से प्रोडक्शन वारंट मांगा है। आइएएस अरुण पति त्रिपाठी को छत्तीसगढ़ के शराब घोटाला केस में रायपुर एसीबी ने 12 अप्रैल 2024 को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
नई उत्पाद नीति में प्रमुख भूमिका में थे अरुण पति त्रिपाठी
उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग झारखंड के पूर्व प्रधान सचिव विनय कुमार चौबे के कार्यकाल में मई 2022 में झारखंड में लागू नई उत्पाद नीति में आइएएस अरुण पति त्रिपाठी मुख्य भूमिका में थे। विनय कुमार चौबे ने आइएएस अरुण पति त्रिपाठी के साथ मिलकर ही छत्तीसगढ़ की तरह झारखंड में भी शराब घोटाले की साजिश रची थी। कुल मिलाकर कहा जाए तो उत्पाद विभाग झारखंड के पूर्व प्रधान सचिव विनय कुमार चौबे व उत्पाद विभाग छत्तीसगढ़ के सचिव अरुण पति त्रिपाठी ही झारखंड में शराब घोटाले के मुख्य किंगपीन हैं।
मई 2022 में झारखंड में लागू उत्पाद नीति के वक्त आइएएस अरुण पति त्रिपाठी छत्तीसगढ़ राज्य म्यूनिसिपल कारपोरेशन लिमिटेड (सीएसएमसीएल) के प्रबंध निदेशक थे और छत्तीसगढ़ के उत्पाद सचिव थे। तत्कालीन उत्पाद सचिव विनय कुमार चौबे ने उन्हें झारखंड में उत्पाद नीति का परामर्शी बनाया था और इसके बदले करीब सवा करोड़ रुपये का भुगतान भी लिया था।
अरुण पति त्रिपाठी को मिला था करोड़ों का कमीशन
आइएएस अरुण पति त्रिपाठी ने ही अपने करीबी शराब कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया को झारखंड की उत्पाद नीति में प्रवेश कराया। इसके बदले में सिद्धार्थ सिंघानिया ने अरुण पति त्रिपाठी के साथ-साथ झारखंड के तत्कालीन उत्पाद सचिव विनय कुमार चौबे को भी करोड़ों रुपये का कमीशन दिया। सिद्धार्थ सिंघानिया के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ की चार प्लेसमेंट एजेंसियों मेसर्स एटूजेड इंफ्रा सर्विसेज लिमिटेड, मेसर्स इगल हंटर सोल्यूशंस लिमिटेड, मेसर्स प्राइम वन वर्क फोर्स प्राइवेट लिमिटेड व मेसर्स सुमित फैसिलिटिज को झारखंड की खुदरा शराब दुकानों में मैनपावर आपूर्ति का काम मिला था।
आइएएस अरुण पति त्रिपाठी व सिद्धार्थ सिंघानिया ने ही मिलकर मेसर्स प्रिज्म होलोग्राफी सिक्यूरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक विधु गुप्ता को झारखंड में आपूर्ति होने वाली शराब की बोतलों के लिए होलोग्राम आपूर्ति का ठेका दिलवाया और उससे भी झारखंड के उत्पाद अधिकारियों को करीब 90 करोड़ से अधिक का कमीशन दिलवाया था।