देश में मार्केट वैल्यू के हिसाब से सबसे बड़े बैंक HDFC Bank ने दिवाली से पहले लोन लेने वाले ग्राहकों को बड़ा तोहफा दिया है। बैंक ने लोन की ब्याज दरों में कटौती की घोषणा की है, जिससे मासिक ईएमआई (Loan EMI) कम हो सकती है। MCLR घटाने से कर्जदारों की उम्मीदें बढ़ गई हैं।
कर्ज लेने वालों को मिलेगी राहत
- प्राइवेट सेक्टर का HDFC Bank, करीब 15 लाख करोड़ रुपये की मार्केट वैल्यू के साथ सबसे बड़ा बैंक है। यह रिलायंस इंडस्ट्रीज के बाद टॉप-10 मूल्यवान कंपनियों की सूची में दूसरे नंबर पर है।
- बैंक ने अपनी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स-आधारित लेंडिंग रेट (MCLR) में कटौती की है, जिससे विभिन्न अवधि के लोन लेने वालों को बड़ी राहत मिल सकती है और उनकी ईएमआई कम हो सकती है।
कटौती के बाद नई ब्याज दरें
- ओवरनाइट MCLR: 8.55% → 8.45%
- 1 महीना: घटकर 8.40%
- 3 महीने: 8.45%
- 6 महीने और 1 साल: 8.55%
- 2 साल: 8.60%
- 3 साल: 8.65%
- इससे पहले दरें 8.55% से 8.75% के बीच थीं।
- बैंक ने चुनिंदा टेन्योर पर 15 बेसिस पॉइंट तक की कटौती की है।
MCLR क्या है?
- MCLR वह न्यूनतम ब्याज दर है, जो कोई बैंक किसी कर्ज पर ले सकता है। यह होम लोन, पर्सनल लोन और कॉमर्शियल ऋण के लिए आधार दर के रूप में काम करती है।
- भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2016 में MCLR शुरू की थी, ताकि उधारकर्ताओं से न्यूनतम ब्याज दर से कम न लिया जाए।
लोन लेने वालों पर असर
- MCLR सीधे लोन की ब्याज दर को प्रभावित करती है। कटौती का सीधा असर होम लोन और पर्सनल लोन लेने वालों की मासिक EMI में दिखाई देगा।
- HDFC Bank की होम लोन दरें फिलहाल 7.90% से 13.20% के बीच हैं, जो कर्जदार की प्रोफाइल और लोन के प्रकार पर निर्भर करती हैं।
- बैंक ने खासतौर पर फ्लोटिंग लोन लेने वाले ग्राहकों पर ईएमआई का बोझ कम करने के लिए कदम उठाए हैं।
MCLR तय करने वाले मुख्य फैक्टर्स
- बैंक की डिपॉजिट रेट
- रेपो रेट और रिजर्व रेपो रेट
- ऑपरेशनल कॉस्ट
- कैश रिजर्व रेशियो बनाए रखने का खर्च
इस कटौती का फायदा सीधे ग्राहकों की जेब पर पड़ेगा और दिवाली से पहले लोन लेने वालों के लिए राहत की खबर है।