अमेरिका ने भारत से आयातित सामान पर 50 प्रतिशत तक का टैरिफ लगा दिया है, जो कि दुनिया में सबसे ज्यादा है. इसके अलावा, हाल ही में अमेरिका ने H-1B वीजा की फीस भी बढ़ा दी है, जिसे भारत के लिए काफी नुकसानदेह माना जा रहा है. इन दोनों फैसलों की वजह से भारत-अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्तों में खटास आ गई है. फिर भी, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना खास और बेहतरीन दोस्त कहते रहे हैं.
अब अमेरिकी सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी ट्रंप और मोदी के बीच के रिश्तों पर खुलकर बात की है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्पष्ट किया है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच संबंध बहुत ही सकारात्मक बने हुए हैं. अधिकारी के मुताबिक, दोनों नेताओं के बीच मुलाकात इस साल के अंत या अगले साल की शुरुआत में होने की संभावना है.
यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत अगला क्वाड शिखर सम्मेलन (Quad Summit) आयोजित करने जा रहा है, जिसमें अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के नेता भी शामिल होंगे. पिछला सम्मेलन 2024 में अमेरिका के डेलावेयर में हुआ था. अमेरिका ने बताया है कि इस बार की बैठक में भारत की अगुवाई में चारों देश रणनीतिक और आर्थिक मुद्दों पर गहन चर्चा करेंगे.
खुलकर अपनी राय रखते हैं ट्रंप
H-1B वीज़ा फीस बढ़ोतरी और टैरिफ विवाद ने भारत-अमेरिका के रिश्तों में कुछ तनाव पैदा कर दिया है. अमेरिका ने माना है कि इन मसलों पर दोनों देशों के बीच मतभेद हैं और बातचीत अभी चल रही है. खासकर भारत की रूस से तेल खरीद पर अमेरिका ने 25% का अतिरिक्त टैरिफ लगाया है, जिससे दोनों पक्षों में असहमति बनी हुई है. अमेरिकी अधिकारी ने बताया , राष्ट्रपति ट्रंप अपनी राय खुलकर बताते हैं और जब उन्हें कोई बात नागवार गुजरती है तो उसे छिपाते नहीं. लेकिन इसके बावजूद वे भारत को एक भरोसेमंद दोस्त और भविष्य का अहम साझेदार मानते हैं.
जल्द होगी ट्रंप- PM मोदी की मुलाकात
क्वाड समिट और ट्रंप-मोदी की जल्द मुलाकात पर तैयारी जारी है. एक अधिकारी ने बताया कि क्वाड समिट की योजना तो बन चुकी है, लेकिन तारीखों को लेकर अभी काम चल रहा है. कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की आमने-सामने मुलाकात इस साल के आखिर या 2026 की शुरुआत में हो सकती है. उन्होंने ये भी बताया, दोनों देश के बीच बातचीत लगातार चल रही है और आने वाले महीनों में कुछ सकारात्मक खबरें मिलने की उम्मीद है. हाल ही में राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी को उनके जन्मदिन पर बधाई भी दी थी, जो दोनों के रिश्तों की गर्माहट को दिखाता है.
रूसी तेल को लेकर सख्ती बरकरार
रूस से तेल खरीद को लेकर अमेरिका की सख्ती बरकरार है. अमेरिका ने साफ कर दिया है कि वे नहीं चाहते कि रूस को यूक्रेन युद्ध से कोई आर्थिक फायदा पहुंचे. एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप इस मुद्दे पर बहुत सख्त हैं और उन्होंने भारत के साथ-साथ यूरोपीय देशों को भी बार-बार कहा है कि वे रूस को कोई वित्तीय मदद न दें. अधिकारी ने कहा, हम हर मौके पर इस बात को उठाते रहे हैं ताकि रूस के राष्ट्रपति पुतिन तक पैसा पहुंचना बंद हो जाए. वहीं, चीन के मामले में अमेरिका अलग तरह की रणनीति अपनाता है और उसकी नीतियों को उसी हिसाब से संभालता है.