Delhi EV Pollicy 2.0: परिवार में दो से ज्यादा कार चाहिए तो नई EV ही लेना होगा जरूरी

Delhi EV Pollicy 2.0: परिवार में दो से ज्यादा कार चाहिए तो नई EV ही लेना होगा जरूरी

दिल्ली वालों को अब कार खरीदने के लिए नए नियमों का पालन करना होगा। सरकार ने घोषणा की है कि एक परिवार अधिकतम दो पेट्रोल या डीजल कारें ही खरीद सकेगा। तीसरी कार के लिए केवल EV विकल्प खुले रहेंगे। जानिए इस नियम के पीछे की वजह और इसके असर।

तीसरी कार EV जरूरी, जानिए पूरा नियम

दिल्ली सरकार ने हाल ही में “दिल्ली ईवी पॉलिसी 2.0” का ड्राफ्ट जारी किया है, जिसमें एक अहम प्रस्ताव रखा गया है। इसके अनुसार, अब एक ही परिवार के लोग सिर्फ दो इंटरनल कंबशन इंजन (ICE), यानी पेट्रोल या डीजल से चलने वाली गाड़ियां ही रख सकेंगे। यदि परिवार को तीसरी कार की जरूरत है, तो वह केवल इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) ही हो सकती है।

किन लोगों पर लागू होगा नियम?

  • यह नियम केवल नई कार रजिस्ट्रेशन पर लागू होगा।
  • जिनके पास पहले से तीन या अधिक ICE वाहन हैं, उन्हें बेचने की जरूरत नहीं।
  • लेकिन भविष्य में तीसरी या चौथी नई कार तभी खरीद सकेंगे, जब वह EV हो।

दिल्ली सरकार ने यह फैसला क्यों लिया?

दिल्ली की प्रदूषित हवा और बेतहाशा ट्रैफिक किसी से छुपा नहीं है। राजधानी में वाहनों से निकलने वाला धुआं एक बड़ा प्रदूषण स्रोत है। सरकार ने वर्ष 2030 तक 30% EV उपयोग का लक्ष्य रखा है, जबकि अभी ये मात्र 2.7% है।

इसलिए सरकार अब चाहता है कि लोग, खासकर अमीर और अपमार्केट वर्ग, ICE के बजाय EV को ‘डिफॉल्ट विकल्प’ के रूप में अपनाएं।

EV को बढ़ावा देने के लिए सरकार क्या करेगी?

नई ईवी नीति में सिर्फ प्रतिबंध ही नहीं, बल्कि प्रोत्साहन (Incentives) भी शामिल हैं-

  • हाइब्रिड गाड़ियों पर टैक्स में छूट मिलेगी।
  • इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर खरीदने वालों को कैश इंसेंटिव दिया जाएगा।
  • चार्जिंग स्टेशन, बैटरी स्वैपिंग और रीसाइक्लिंग यूनिट्स का जाल बिछाया जाएगा।

किन्हें होगा सबसे ज्यादा असर?

  • संयुक्त परिवारों में जहां हर सदस्य के पास अपनी कार होती है, वहां ये नियम असुविधा का कारण बन सकता है।
  • कार डीलरों को ICE गाड़ियों की बिक्री में गिरावट देखने को मिल सकती है।
  • मध्यम वर्गीय परिवारों को ज्यादा असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि अक्सर उनके पास एक या दो गाड़ियां ही होती हैं।

नियम के साथ क्या चुनौतियां जुड़ी हैं?

  • EV चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर अभी पूरी तरह विकसित नहीं है।
  • एक ही पते पर कई परिवार या सदस्य रहते हैं, ऐसे में यह स्पष्ट नहीं कि किसे कितनी गाड़ियां रखने की अनुमति होगी।
  • लोग नियम से बचने के लिए कंपनी के नाम पर या रिश्तेदारों के पते पर गाड़ी रजिस्टर कर सकते हैं।

क्या ये नियम वास्तव में कारगर होगा?

सरकार का इरादा अच्छा है, लेकिन नियम को जमीन पर उतारने के लिए कई तैयारी जरूरी हैं:

  • चार्जिंग नेटवर्क का विस्तार
  • ईवी गाड़ियों की कीमतों को किफायती बनाना
  • लोगों में इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति भरोसा बढ़ाना

अगर इन बिंदुओं पर सरकार ने समय रहते काम किया, तो दिल्ली में अगले कुछ वर्षों में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो सकती है।

लंबी अवधि में दिखेंगे ये असर…

  • दिल्ली की सड़कों पर जाम की स्थिति में कमी आ सकती है।
  • वाहनों से होने वाला प्रदूषण घटेगा और हवा की गुणवत्ता सुधरेगी।
  • घरों के बाहर EV चार्जिंग स्टेशन आम नजारा बन जाएंगे।
  • भारत के अन्य शहर भी दिल्ली के मॉडल को अपना सकते हैं।