भोपाल में स्कूली बच्चों के ई-रिक्शा से स्कूल आने-जाने पर रोक लगा दी गई है। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने इसे बच्चों की सुरक्षा से जुड़ा गंभीर मामला मानते हुए यह निर्णय लिया है। उन्होंने आदेश जारी कर सभी स्कूलों को निर्देशित किया है कि वे ई-रिक्शा के जरिए बच्चों की स्कूल यात्रा बंद करें।
कलेक्टर ने ई-रिक्शा स्कूलों में प्रतिबंधित करने को कहा
बता दें कि 18 जुलाई को भोपाल सांसद आलोक शर्मा ने ट्रैफिक सुधार के लिए बैठक रखी थी। इसमें कलेक्टर ने ई-रिक्शा स्कूलों में प्रतिबंधित करने को कहा था। उन्होंने कहा था कि छोटे बच्चों को ई-रिक्शा में बैठाकर स्कूल भेजना ठीक नहीं है। सांसद की बैठक के बाद कलेक्टर ने आदेश कर दिए हैं।
ई-रिक्शा स्कूल के छात्र-छात्राओं के लिए असुरक्षित
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह द्वारा जारी आदेश में बताया गया है कि 27 जून को जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में सभी की सहमति से प्राप्त प्रस्ताव के आधार पर स्कूल के छात्र- छात्राओं के परिवहन के लिए ई-रिक्शा का उपयोग किया जा रहा है, अब उस पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया है। ई-रिक्शा स्कूल के छात्र-छात्राओं के परिवहन के लिए असुरक्षित वाहन है, वाहन में स्कूल के छोटे बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण विषय है। ऐसे में ई-रिक्शा द्वारा स्कूली छात्र-छात्राओं के परिवहन पर प्रतिबंध लगाया जाता है।
12 हजार से अधिक ई-रिक्शा रजिस्टर्ड
एसीपी ट्रैफिक अजय वाजपेयी ने बताया कि शहर में लगभग 12 हजार ई-रिक्शा रजिस्टर्ड हैं। हालांकि स्कूलों से यह अटैच नहीं है, लेकिन अभिभावक अपनी सहूलियत के हिसाब से बच्चों को ई-रिक्शा से स्कूल भेजते हैं। अब इन्हें रोकने का काम किया जाएगा, जिसके लिए सोमवार से टीमें स्कूलों में जाकर प्रबंधन से संपर्क करेंगी और ऐसे बच्चों को चिह्नित करेंगी, जो ई-रिक्शा से स्कूल आते-जाते हों। इसके बाद ई-रिक्शा बंद कराए जाएंगे।

