भारत के रियल एस्टेट बाजार में 2025 की पहली छमाही में घरों की कीमतों में जोरदार बढ़ोतरी देखी गई है. खास तौर पर प्रीमियम और लग्जरी घरों की मांग ने इस उछाल को हवा दी है. नाइट फ्रैंक इंडिया की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, देश के प्रमुख शहरों में घरों की औसत कीमतें बढ़ी हैं, जिसमें नेशनल कैपिटल रीजन (NCR) और बेंगलुरु में सबसे ज्यादा 14% की सालाना बढ़ोतरी दर्ज की गई. इसके बाद हैदराबाद में 11% और मुंबई में 8% की वृद्धि हुई है.
प्रीमियम घरों की मांग में तेजी
रियल एस्टेट बाजार में प्रीमियम घरों की डिमांड ने कीमतों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है. 1 करोड़ रुपये से ज्यादा कीमत वाले घरों की बिक्री में जबरदस्त उछाल आया है. कुल 1.7 लाख हाउसिंग यूनिट्स की बिक्री में से 49% यानी लगभग आधे घर 1 करोड़ रुपये से ऊपर के थे. 1-2 करोड़ रुपये की रेंज में बिक्री 17% बढ़ी, जबकि 2-5 करोड़ रुपये की रेंज में 29% की शानदार वृद्धि हुई. लोग अब बड़े, बेहतर लोकेशन और ज्यादा सुविधाओं वाले घरों की ओर रुख कर रहे हैं.
डेवलपर्स ने भी इस मांग को भांपते हुए 1-5 करोड़ और 5-10 करोड़ रुपये की रेंज में ज्यादा घर लॉन्च किए, जिससे औसत कीमतें बढ़ीं. मुंबई, NCR और बेंगलुरु प्रीमियम सेगमेंट में सबसे आगे रहे. NCR में 81% बिक्री 1 करोड़ से ऊपर की रेंज में हुई, बेंगलुरु में 70% और मुंबई में 36% बिक्री इस कैटेगरी में दर्ज की गई.
मुंबई सबसे महंगा, अहमदाबाद किफायती
मुंबई अब भी देश का सबसे महंगा हाउसिंग मार्केट बना हुआ है, जहां प्रीमियम घरों की कीमतें आसमान छू रही हैं. दूसरी ओर, अहमदाबाद टॉप-8 शहरों में सबसे किफायती शहर रहा. प्रीमियम घरों की बढ़ती मांग ने डेवलपर्स का फोकस भी इस सेगमेंट की ओर मोड़ दिया है, जिससे बाजार में लग्जरी हाउसिंग की सप्लाई बढ़ी है.
किफायती घरों की मांग घटी
जहां प्रीमियम घरों की डिमांड ने बाजार को गर्माया, वहीं 50 लाख रुपये से कम कीमत वाले किफायती घरों की बिक्री में 18% की गिरावट आई. इस सेगमेंट में नई सप्लाई भी 31% कम हुई, क्योंकि डेवलपर्स का रुझान अब ज्यादा मुनाफा देने वाले प्रीमियम प्रोजेक्ट्स की ओर है. हालांकि, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने पिछले छह महीनों में रेपो रेट में 100 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की है, जिससे कर्ज सस्ता हुआ है. इससे आने वाले समय में किफायती और मिड-इनकम हाउसिंग सेगमेंट में मांग बढ़ सकती है, खासकर पहली बार घर खरीदने वालों के बीच.
अनसोल्ड घरों की संख्या में 4% की बढ़ोतरी
हालांकि, अनसोल्ड घरों की संख्या में 4% की बढ़ोतरी हुई और यह 5.05 लाख यूनिट्स तक पहुंच गई, लेकिन बाजार अब भी मजबूत है. क्वार्टर्स-टू-सेल (QTS) रेशियो 5.8 पर स्थिर है, जो बाजार की सेहत को दर्शाता है. खास तौर पर 2-5 करोड़ रुपये की रेंज में QTS 3.9 क्वार्टर्स रहा, जो इस सेगमेंट की मजबूत मांग को दिखाता है. आने वाले समय में सस्ते कर्ज और बढ़ती मांग के दम पर रियल एस्टेट बाजार और मजबूत हो सकता है. खासकर मिड-इनकम और किफायती हाउसिंग सेगमेंट में सुधार की उम्मीद है.