छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सोमवार को नवा रायपुर स्थित मंत्रालय महानदी भवन के सचिवालय ब्लॉक के पांचवे तल पर नवनिर्मित हाईटेक सभागार का भव्य लोकार्पण किया। यह आधुनिक सभागार 13.90 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है और इसका कुल क्षेत्रफल 6450 वर्गफुट है।
यह अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस ऑडिटोरियम मंत्रालय के उच्चस्तरीय बैठकों, प्रस्तुतियों और सेमिनारों के लिए एक आदर्श स्थल बनेगा। इसकी बैठक क्षमता 185 सीटों की है, जिससे बड़ी संख्या में अधिकारी व प्रतिनिधि एक साथ शामिल हो सकते हैं।
तकनीकी विशेषताएं और आधुनिक सुविधाएं
इस हाईटेक सभागार में हर वह सुविधा मौजूद है जो किसी अंतरराष्ट्रीय स्तर के कॉन्फ्रेंस हॉल में होनी चाहिए। इसमें आंतरिक विद्युतीकरण, अग्निशमन सुरक्षा प्रणाली, वातानुकूलन, हाई-क्वालिटी ऑडियो-विजुअल सिस्टम, सुंदर आंतरिक साज-सज्जा और आरामदायक फर्नीचर जैसी प्रमुख सुविधाएं शामिल हैं। यह सेटअप इसे मंत्रालय के भीतर एक प्रीमियम आयोजन स्थल बनाता है।
लोकार्पण समारोह में शामिल हुए दिग्गज नेता और अधिकारी
मुख्यमंत्री के साथ इस अवसर पर छत्तीसगढ़ सरकार (Chhattisgarh News) के कई वरिष्ठ मंत्री और अधिकारी भी मौजूद रहे। उपमुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा, कृषि मंत्री रामविचार नेताम, वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी, खाद्य मंत्री दयालदास बघेल, वन मंत्री केदार कश्यप, उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा भी कार्यक्रम में उपस्थित थे।
वहीं प्रशासनिक स्तर पर मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, सचिव मुकेश बंसल, पी. दयानंद, डॉ. बसवराजू एस., राहुल भगत, रजत कुमार, अंकित आनंद, अविनाश चम्पावत सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी कार्यक्रम का हिस्सा बने।
राज्य के प्रशासनिक ढांचे को मिलेगी नई गति
इस हाईटेक ऑडिटोरियम का शुभारंभ छत्तीसगढ़ सरकार (Chhattisgarh News) की प्रशासनिक दक्षता और तकनीकी प्रगति की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। इससे न केवल मंत्रालय में होने वाली बैठकों की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि नीति निर्माण, योजनाओं की समीक्षा और क्रियान्वयन की प्रक्रिया भी अधिक प्रभावशाली होगी।
छत्तीसगढ़ का यह नया ऑडिटोरियम भविष्य में राज्य की नीतिगत बैठकों और उच्च स्तरीय संवादों का केंद्र बनेगा। यह आधुनिक भारत के डिजिटल और तकनीकी युग में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो राज्य के सुशासन की दिशा में मजबूती प्रदान करेगा।