छठ त्योहार के लिए रेलवे ने कई स्पेशल ट्रेन चलाई है, उनके यह प्रयास नाकाफी साबित हो रहे है। यूपी और बिहार जाने वालों की संख्या उम्मीद से कई गुना ज्यादा है, ट्रेन तो ट्रेन स्टेशन भी खचाखच भरे है। पुलिस को व्यवस्था संभालना पड़ रही है। इस दौरान कई यात्री हादसे का भी शिकार बन रहे है।
यात्री ट्रेन के गेट पर खड़े होकर यात्रा कर रहे थे, तो कोई टायलेट के गेट पर खड़े होकर। स्लीपर कोच में भी सीट न होने के कारण गेट पर बैठकर यात्रा की जा रही है। रेलवे ने स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया है, लेकिन यात्रियों को सुविधाएं सही नहीं मिल पा रही है। वहीं यूपी की ओर से आने वाली ट्रेनें खाली आ रही है।
महिलाएं भी गेट पर खड़े होकर यात्रा करने को मजबूर
भोपाल स्टेशन पर मंगलवार को दोपहर दो बजे हैदराबाद से गोरखपुर जाने वाली गोरखपुर स्पेशल सुपरफास्ट एक्सप्रेस पहुंची, तो सैकड़ों की संख्या में यात्री प्लेटफार्म नंबर दो पर ट्रेन में बैठने का इंतजार कर रहे थे। जनरल कोच में पहले से ही लगभग 200 से अधिक यात्री बैठे हुए थे। ट्रेन में बैठने की जुगत में पुरुषों के साथ महिलाएं भी थी, जो जनरल कोच में बड़ी मुश्किल से सवार हुई।
लेकिन जनरल कोच में यात्री को बैठने की जगह नहीं मिली। कोई आपातकालीन खिड़की से अंदर जाने की कोशिश कर रहा था, तो कोई टायलेट के गेट पर खडे होकर यात्रा करने को मजबूर था। यात्री जान को जोखिम में डालकर यात्रा करने पर मजबूर दिखाई दिए।
जनरल कोच में बैठने की क्षमता सिर्फ 100 और सवार है 250 लोग
दोपहर 2:25 मिनट पर मुंबई से गोरखपुर जाने वाली कुशीनगर एक्सप्रेस के जनरल कोच की भी स्थिति ठीक नहीं थी। यात्री जनरल कोच के गेट पर लटककर यात्रा करने को मजबूर था। भोपाल स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर दो पर ट्रेन के रुकते ही, यात्रियों की भीड़ से भरी ट्रेन में चढ़ने लगे। 100 लोगों के बैठने की जगह पर लगभग 250 से जनरल कोच में नजर आए। स्लीपर कोच भी जनरल के समान नजर आ रहा था। स्लीपर कोच के गेट पर भी लोग लटके नजर आए।
इनका कहना है
यूपी, बिहार जाने वाली ट्रेनों में दीपावली और छठ त्योहार के यात्री की संख्या अधिक है। यात्री की संख्या को देखते हुए स्पेशल ट्रेनों को संचालन किया जा रहा है। यदि यात्री दबाव बढ़ा तो अतिरिक्त स्पेशल ट्रेन चलायी जाएगी।
नवल अग्रवाल, एसीएम व प्रवक्ता भोपाल मंडल