कप्तान का काम होता है कि टीम के लिए बेहतर प्रदर्शन करना और उदाहरण सेट करना कि आपको मुझसे बेहतर प्रदर्शन करके दिखाना है। भारतीय हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने ये बखूबी किया। पेरिस ओलंपिक 2024 में कप्तान सीना तानकर आगे चले और टीम को ओलंपिक खेलों में कांस्य पदक दिलाया। हरमनप्रीत सिंह ने टूर्नामेंट में एक के बाद एक दे दनादन 10 गोल दागे और ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा दिलाया। नॉकआउट मैचों में कप्तान हरमनप्रीत सिंह का प्रदर्शन दमदार रहा। उन्होंने चार गोल तीन मैचों में दागे और देश को पेरिस ओलंपिक 2024 में चौथा पदक दिलाया।
कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने ऐसा प्रदर्शन पेरिस ओलंपिक 2024 में किया है कि उनको अलग से एक मेडल मिलना चाहिए। हॉकी जैसे खेल में एक-एक गोल करना कठिन होता है, लेकिन हरमनप्रीत सिंह ने 10 गोल 8 मैचों में किए। क्वॉर्टर फाइनल और सेमीफाइनल में भी उन्होंने एक-एक गोल किया और ब्रॉन्ज मेडल में उन्हीं की हॉकी से दो गोल निकले। वे इन ओलंपिक में पेनल्टी कॉर्नर एक्सपर्ट बने नजर आए। जब भी टीम को पेनल्टी कॉर्नर के जरिए गोल करना होता था तो कप्तान सबसे आगे रहते थे और ज्यादा गोल उन्होंने पेनल्टी कॉर्नर के जरिए किए और टीम को हर बार आगे रखा।
हरनप्रीत सिंह का ये तीसरा ओलंपिक था। उन्होंने 2016 ओलंपिक खेला था, लेकिन वहां टीम क्वॉर्टर फाइनल में ही बाहर हो गई थी। हालांकि, 2020 के टोक्यो ओलंपिक खेलों में टीम ने कांस्य पदक जीता था और अब अपनी कप्तानी में भारत को उन्होंने कांस्य पदक दिलाया है। 219 मैचों में वे 188 गोल अपने करियर में दाग चुके हैं, लेकिन पेरिस ओलंपिक 2024 के कांस्य पदक मैच में दागे गए दो गोल्स को वे हमेशा याद रखेंगे, क्योंकि भारतीय टीम 0-1 से पिछड़ गई थी और पेनल्टी कॉर्नर भी भारत को मिल नहीं रहा था। मिला भी तो वह गोल में तब्दील नहीं हुआ। इसके बाद हरमनप्रीत ने दो लगातार गोल पेनल्टी कॉर्नर से किए और भारत को बढ़त दिलाई।