सब सही दिख रहा पर है नहीं, बांग्लादेश जैसा हाल भारत में भी हो सकता है: सलमान खुर्शीद


कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद के इस बयान पर विवाद हो सकता है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि बांग्लादेश में जो हो रहा है, वैसा भारत में भी हो सकता है। खुर्शीद ने कहा कि भले ही ऊपर से सब कुछ ठीक लग रहा हो, लेकिन बांग्लादेश जैसे हालात यहां भी बन सकते हैं। उन्होंने अकादमिक जगत के विद्वान मुजीबुर रहमान की पुस्तक ‘शिकवा-ए-हिंद: भारतीय मुस्लिमों का राजनीतिक भविष्य’ की लॉन्चिंग के मौके पर ये बातें कहीं। 

सलमान खुर्शीद ने दिल्ली में हुए आयोजन में कहा, ‘कश्मीर में सब सामान्य दिख रहा है। यहां भी सब सामान्य है। हम जीत का जश्न मना सकते हैं, लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि यह जीत बहुत मामूली है। बहुत कुछ करने की जरूरत है।’

उन्होंने कहा कि जमीन पर सब सही दिखता है, लेकिन कई बार उसके नीचे कुछ चीजें होती हैं। सलमान खुर्शीद ने कहा, ‘बांग्लादेश में जो हो रहा है, वह यहां भी हो सकता है।’ बांग्लादेश में जुलाई के मध्य से ही आंदोलन तेज थे और महज 20 दिनों के अंदर ही शेख हसीना की सरकार बेदखल हो गई। उन्हें देश छोड़कर निकलना पड़ा है और फिलहाल वह भारत में हैं। यही नहीं पूरे बांग्लादेश में उपद्रवियों का आतंक चल रहा है। कई जगहों पर अवामी लीग नेताओं को मार डाला गया। अब तक 29 नेता मारे गए हैं, जबकि अवामी लीग के एक नेता को होटल को फूंक दिया गया। उस होटल में 24 लोग जिंदा जल गए।

इस कार्यक्रम में आरजेडी के सांसद मनोझ झा भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि सीएए और एनआरसी के खिलाफ शाहीन बाग में हुए आंदोलन को उसका सही क्रेडिट नहीं मिल पाया। झा ने कहा कि शाहीन बाग के आंदोलन को इस बात से नहीं आंका जाना चाहिए कि उससे क्या हासिल हुआ है। उन्होंने कहा कि जब संसद बहरी हो जाती है तो गलियों में आवाज उठानी पड़ती है। उन्होंने कहा कि शाहीन बाग में जो आंदोलन हुआ, वह महिलाओं के नेतृत्व में था और करीब 100 दिनों तक चलता रहा। हालांकि इस मामले में खुर्शीद की राय मनोज झा से अलग दिखी। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन फेल था क्योंकि आज भी कई लोग उस मामले में जेल में बंद हैं।

सलमान खुर्शीद ने कहा कि शाहीन बाग जैसा आंदोलन अब देश में नहीं हो पाएगा। खुर्शीद ने कहा, ‘मैं कहूंगा कि शाहीन बाग आंदोलन फेल रहा तो आप सोचेंगे ऐसा क्यों कहा? हम में से ज्यादातर लोग मानते हैं कि आंदोलन सफल रहा। लेकिन मैं जानता हूं कि उससे जुड़े ज्यादातर लोग आज किस हाल में हैं। उनमें से कई लोग तो अब भी जेल में बंद हैं। इनमें से कितने लोगों को बेल मिल सकी है? इनमें से कितने लोगों को इस देश का दुश्मन बताया जा रहा है।’

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