ब्रिटेन के खिलाफ 10 खिलाड़ियों के साथ खेलने के बावजूद पेरिस ओलंपिक क्वार्टर फाइनल में शूटआउट में जीत दर्ज करने वाली भारतीय हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने रविवार को कहा कि डिफेंस का यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था। अनुभवी डिफेंडर अमित रोहिदास को 18वें मिनट में रेड कार्ड मिलने के बाद भारत को लगभग तीन क्वार्टर दस खिलाड़ियों के साथ ही खेलना पड़ा। पेरिस ओलंपिक में अब तक सात गोल कर चुके हरमनप्रीत ने कहा, ”हमारे पास अंतिम समय तक स्कोर बराबर रखने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। हमने डिफेंस पर फोकस रखा और एक संयोजन के साथ खेले। खिलाड़ियों के बीच संवाद बहुत अच्छा था। टीम प्रयासों से यह जीत मिली।’’
उन्होंने कहा कि टीम को रेडकार्ड को भुलाकर आगे बढ़ना था। उन्होंने कहा, ”जो हुआ, उसे हम बदल नहीं सकते थे। टीम प्रयासों से जीत मिली है। हमारे डिफेंस का यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था। दस खिलाड़ियों के साथ खेलना आसान नहीं था।” उन्होंने कहा, ”ऐसे मुकाम पर हम नर्वस नहीं हो सकते। हम किस टीम के खिलाफ खेल रहे हैं, कितने खिलाड़ी मैदान पर है, दस खिलाड़ियों के साथ खेल रहे हैं , यह सब मायने नहीं रखता।’’ उन्होंने गोलकीपर पी आर श्रीजेश की तारीफ की लेकिन कहा कि यह ‘वन मैन शो’ नहीं था। उन्होंने कहा, ”श्रीजेश लीजैंड हैं और सर्वश्रेष्ठ में से एक हैं। वह हमारे लिए मैच बचाते हैं लेकिन आप उससे भी पूछेंगे तो वह यही कहेंगे कि यह टीम प्रयास है। टीम पहले है, उसके बाद व्यक्ति।”
‘संकटमोचक’ पीआर श्रीजेश के दमदार प्रदर्शन से भारत ने सेमीफाइनल में जगह बनाई। अपना आखिरी टूर्नामेंट खेल रहे गोलकीपर श्रीजेश एक बार फिर भारतीय हॉकी की दीवार साबित हुए और 42 मिनट तक दस खिलाड़ियों के साथ खेलने के बावजूद भारत ने ब्रिटेन को पेनल्टी शूटआउट में 4-2 से हराकर अंतिम चार में प्रवेश किया। तारीफ करनी होगी भारतीय डिफेंस की जिसने श्रीजेश की अगुवाई में ब्रिटेन के हर हमले का बचाव करते हुए उसे बढ़त नहीं बनाने दी। ब्रिटेन ने 28 बार भारतीय गोल पर हमला बोला और महज एक कामयाबी मिली। निर्धारित समय तक स्कोर 1-1 से बराबर रहने पर मुकाबला शूटआउट में गया। कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने शूटआउट के अलावा निर्धारित समय में भी गोल दागा।