मैं वहां थी, जहां पिता का निधन हुआ… नेशनल अवॉर्ड की खबर मिलते ही फूट-फूट कर रोने लगी थीं रानी मुखर्जी की मां

मैं वहां थी, जहां पिता का निधन हुआ… नेशनल अवॉर्ड की खबर मिलते ही फूट-फूट कर रोने लगी थीं रानी मुखर्जी की मां

फिल्म अभिनेत्री रानी मुखर्जी ने अपने 30 साल के करियर में एक से बढ़कर एक फिल्में दीं. उन्हें कई अवॉर्ड भी मिले, लेकिन जिस एक अवॉर्ड का वो और उनका परिवार सालों से इंतज़ार कर रहा था, वो उन्हें अब जाकर मिला है. इस अवॉर्ड का नाम नेशनल फिल्म अवॉर्ड है. रानी को हाल ही में ‘मिसेज चैटर्जी वर्सेज नॉर्वें’ के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का नेशनल अवॉर्ड मिला. अब एक इंटरव्यू में रानी ने उस लम्हें के बारे में बताया है, जब उन्हें पता चला था कि इस साल उनको बेस्ट एक्टर के तौर पर चुना गया है.

रानी मुखर्जी न्यूज एजेंसी एएनआई के पॉडकास्ट में पहुंची थीं, जहां उन्होंने कई तरह के सवालों का जवाब दिया. नेशनल अवॉर्ड जीतने और इस खबर के पता लगने के दौरान कैसा रिएक्शन था? इस पर उन्होंने कहा कि जब ये खबर पता चली तो मां को यकीन ही नहीं हुआ था. उन्हें समझने में वक्त लगा और वो फिर रोने लगीं और डैड को याद करने लगीं.

जहां हुआ पिता का निधन, वहां बनाया ऑफिस

रानी मुखर्जी ने बताया, “मैं आपको उस लम्हें में ले जाती हूं, जब मुझे पता चला कि मैं नेशनल अवॉर्ड जीत गई हूं. मैं उस जगह पर थी, जहां मेरे पिता का निधन हुआ था. मैंने उस जगह को थोड़ा बदल दिया है और उसे ऑफिस में तब्दील कर दिया था. उस दिन मैं गृह प्रवेश पूजा कर रही थी. पूजा खत्म करने के बाद जैसे ही मैं बेठी, मेरी मां भी नई जगह देखने के लिए आई हुईं थीं. मैं उन्हें बता रही थी कि जिस जगह हमने पूजा की वो डैडी का कमरा हुआ करता था. हमने वहां काफी वक्त गुज़ारा था.”

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु रानी मुखर्जी

पिता की थी ये ख्वाहिश

रानी कहती हैं, “उस पूरे दिन मैं अपने पिता की मौजूदगी को शिद्दत से महसूस कर रही थी. मैं मां से बात कर ही रही थी कि मुझे मैसेज मिला और फिर कॉल आया कि आप नेशनल अवॉर्ड जीत गई हैं. मैंने कहा हे भगवान. ये मेरे पिता की ख्वाहिश थी. वो जब जिंदा थे कई सालों से ये उनकी ख्वाहिश थी, वो हर साल मेरे लिए कोशिश करते थे. पर वो जब तक जिंदा रहे ये नहीं हुआ.”

उन्होंने कहा, “ये एकदम सच सा लगा. मैंने मां को बताया तो उन्हें भी यकीन नहीं हुआ. उन्होंने कहा क्या? पहले तो वो रुक सी गईं, समझने के लिए, फिर वो रोने लगीं और कहा कि डैड यहां होते तो वो बहुत खुश होते. मैंने कहा कि मुझे महसूस हुआ कि जैसे ये डैड ने ही करवाया हो. क्योंकि मैंने उनकी मौजूदगी को महसूस किया था.”