नेपाल में फिर सड़कों पर उतरेंगे जेन-जी के प्रदर्शनकारी
नेपाल में जेनरेशन-जेड (Gen-Z) से जुड़े लोग फिर से सड़कों पर उतरने की तैयारी में है. इसके लिए 9 अक्टूबर का दिन चुना गया है. जेन-जी आंदोलन का एक गुट इस दिन राजधानी काठमांडू में प्रदर्शन करने की योजना बना रहा है. इस बार प्रदर्शन सुशीला कार्की सरकार के खिलाफ होने वाला है.
सोशल मीडिया पर जेनरेशन-जेड से जुड़े लोग इसको लेकर अपील जारी कर रहे हैं. नेपाल में सितंबर 2025 में जेनरेशन-जेड के प्रदर्शन की वजह से केपी शर्मा ओली की सरकार उखड़ गई थी.
9 अक्टूबर का दिन ही क्यों चुना गया?
पिछले महीने जो जेनरेशन-जेड का प्रदर्शन तूल पकड़ा था, वो तारीख 9 सितंबर की थी. इसी दिन नेपाल के गृह मंत्री ने इस्तीफा दिया. इसके अगले दिन केपी शर्मा ओली इस्तीफा देकर सेना के बैरक में भाग गए. इसके बाद नेपाल में अंतरिम सरकार का गठन किया गया. सुशीला कार्की को सरकार का नेतृत्व सौंपा गया.
कार्की के नेतृत्व में नेपाल की अंतरिम सरकार काम कर रही है. कार्की सरकार का मुख्य लक्ष्य फरवरी 2026 में आम चुनाव संचलित कराना है.
9 के अंक को शुभ मानकर ही फिर से जेन-जी ने सड़कों पर उतरने का प्लान बनाया है. इधर, जेन-जी से जुड़े एक गुट ने प्रदर्शन में भाग नहीं लेने की घोषणा की है. जेन-जी का चेहरा बनीं तनुजा पांडे के मुताबिक यह हिंसक आंदोलन हो सकता है. हम अब चुनाव तक का इंतजार करेंगे.
इसी तरह मिराज ढुंगाना ने एक वीडियो जारी कर खुद को जेन-जी के होने वाले प्रोटेस्ट से दूर रखने का ऐलान किया है. मिराज का कहना है कि हमारी मांगें पूरी हो चुकी है. अब हम कोई आंदोलन नहीं करने जा रहे हैं.
फिर क्यों प्रदर्शन करने जा रहा है Gen-Z?
सुशीला कार्की की अंतरिम सरकार गठन के वक्त से ही जेन-जी की 3 मुख्य मांगें हैं. इनमें पहली मांग जो लोग प्रदर्शन में मारे गए, उनकी सूची जारी करना और उन्हें शहीद का दर्जा देना शामिल है.
दूसरी मांग नेपाल की जो अंतरिम सरकार है, उसमें युवाओं को भी भागीदारी देने की मांग है. तीसरी मांग नेपाल में उन नेताओं को तुरंत जेल में डालने की है, जिसके शह पर नेपाल में जेन-जी पर गोलियां चलाई गई.
सुशीला कार्की की सरकार ने अब तक इन 3 डिमांड को लेकर कोई बड़ी पहल नहीं की है.