क्या कहा प्रज्ञा ने — भाषण के प्रमुख बिंदु
प्रज्ञा ने कार्यक्रम में महिलाओं और युवतियों (Bhopal News) से अपील करते हुए कहा कि वे मंदिरों के आसपास समूह बनाकर नजर रखें और सुनिश्चित करें कि “कोई विधर्मी प्रसाद ना बेच सके।” उन्होंने लोगों को अपने-अपने घरों में दुर्गा स्थापित करने और “सुरक्षा हेतु हथियार रखने” का आह्वान भी किया। इसके अलावा उन्होंने कहा कि जिन्हें भगवा-विरोधी कहा गया, उन्हें “मुंहतोड़ जवाब” दिया गया है — यह संदर्भ हालिया मामलों का उल्लेख जैसा था।
विरोध और कानूनी-सामाजिक प्रतिक्रियाएँ
प्रज्ञा के बयान पर विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने इसे “समाज विभाजन और नफरत फैलाने वाला” बताया और सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की। कुछ मुस्लिम संगठनों ने कार्यक्रम को “सांप्रदायिक उन्माद” करार देते हुए शिकायत की बात कही। भाजपा की तरफ़ से अभी तक किसी आधिकारिक नेता ने सार्वजनिक रूप से टिप्पणी नहीं की है।
विशेषज्ञों और अधिकारियों की चिंता
सामाजिक-विषयक विश्लेषकों (Bhopal News) का कहना है कि सार्वजनिक समुदायों में ऐसे भड़काऊ बयानों से तनाव बढ़ सकता है और साम्प्रदायिक सौहार्द पर असर पड़ सकता है। कई वकील और नागरिक समूह आम तौर पर कानून के तहत कार्रवाई और शांति बनाए रखने की वकालत कर रहे हैं — कानून किसी भी तरह के हिंसक आह्वान को स्वीकार नहीं करता।