यूरोप के इस देश में लोग जमकर खरीद रहे हैं रुद्राक्ष, एक माला के लिए इतने रुपए देने को तैयार

यूरोप के इस देश में लोग जमकर खरीद रहे हैं रुद्राक्ष, एक माला के लिए इतने रुपए देने को तैयार
स्विट्जरलैंड में रुद्राक्ष की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है.

रुद्राक्ष, जो हमारी भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का खास हिस्सा है, अब स्विट्ज़रलैंड में भी खूब पसंद किया जा रहा है. पहले जहां ये माला या दाना सिर्फ भारतीय लोग पूजा के लिए लेते थे, अब वहां के स्थानीय लोग भी इसे योग और वेलनेस के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं. रुद्राक्ष की मांग इतनी बढ़ गई है कि ऑनलाइन और दुकानों में इसकी कीमत 50 स्विस फ्रैंक (लगभग 4,650 रुपये) तक पहुंच गई है. स्विट्ज़रलैंड के लोग इसे पूजा के लिए नहीं, बल्कि मन को शांत करने और शरीर को ठंडक पहुंचाने वाला एक जरिया मान रहे हैं.

नए व्यापार समझौते से बढ़ेगी रुद्राक्ष की एक्सपोर्ट

भारत और यूरोपियन फ्री ट्रेड एसोसिएशन (EFTA) के बीच नया ट्रेड और इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट (TEPA) 1 अक्टूबर से लागू हो जाएगा . इसका फायदा सीधे रुद्राक्ष के निर्यात में दिखेगा. पिछले वित्तीय साल में भारत ने करीब 0.97 करोड़ रुपये का रुद्राक्ष स्विट्ज़रलैंड और दूसरे यूरोपीय देशों को भेजा है. विशेषज्ञों का मानना है कि इस समझौते के बाद ये आंकड़ा कई गुना बढ़ जाएगा. खास बात यह है कि स्विट्ज़रलैंड में लगभग 27,000 भारतीय रहते हैं, जो रुद्राक्ष की डिमांड को और आगे बढ़ा रहे हैं.

भारतीय कंपनियां उठा रही हैं बड़ा फायदा

हरिद्वार, दिल्ली और जयपुर जैसे शहरों के व्यापारी पीढ़ियों से रुद्राक्ष का व्यापार करते आ रहे हैं. हिमालय रुद्राक्ष अनुसंधान केंद्र जैसी कंपनियां असली और अच्छी क्वालिटी के रुद्राक्ष के दाने और उनसे बने आभूषण स्विट्ज़रलैंड जैसे देशों को भेज रही हैं. स्विस ग्राहक प्रामाणिकता को बहुत महत्व देते हैं और इसके लिए ज्यादा कीमत देने को भी तैयार रहते हैं. इसलिए यह बाजार हमारे निर्यातकों के लिए न सिर्फ लाभदायक है, बल्कि लंबी अवधि में भी अच्छा अवसर लेकर आ रहा है.

रुद्राक्ष बन रहा योग, वेलनेस का हिस्सा

आजकल रुद्राक्ष का चलन केवल धार्मिक कामों तक सीमित नहीं रह गया है. स्विट्ज़रलैंड जैसे देशों में इसे सेक्युलर स्पिरिचुअलिटी यानी आधुनिकीकरण के साथ सेहत और मानसिक शांति पाने का तरीका माना जा रहा है. इसका मतलब है कि रुद्राक्ष की लोकप्रियता अब एक नए दौर में पहुंच गई है, जहां लोग इसे आध्यात्मिक साथ-साथ एक वेलनेस आइटम के रूप में भी देख रहे हैं.