नेपाल के पूर्व पीएम ओली और वर्तमान प्रधानमंत्री सुशीला कार्की
नेपाल में Gen-Z समूह के सरकार विरोधी प्रदर्शन के बाद प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था. इस घटना के बाद ओली ने चुप्पी साध ली थी. शनिवार को पहली बार उनका इस घटना पर बयान आया है. ओली ने विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का आदेश देने के आरोपों को खारिज कर दिया.
ओली ने भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध को लेकर सरकार के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन के बीच 9 सितंबर को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अपनी पहली सार्वजनिक टिप्पणी में यह बात कही. नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के अध्यक्ष ओली ने भक्तपुर जिले के गुंडू क्षेत्र में अपने निजी आवास पर पार्टी के कुछ नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, मैंने आंदोलन के दौरान Gen-Z प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का आदेश नहीं दिया.
प्रदर्शनकारियों पर गोली किसने चलाई
पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री पद से इस्तीफे के बाद अपने पहले बयान में ओली ने कहा कि प्रदर्शनकारियों पर ऑटोमैटिक बंदूकों से गोलियां चलाई गईं, जो पुलिस के पास थीं ही नहीं. ऐसे में विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों पर गोली किसने चलाई. ओली का दावा है कि यह घटना एक सोची समझी साजिश के तहत अंजाम दी गई. उन्होंने मामले की जांच की मांग की.
लोगों की मौत पर जताया था दुख
ओली ने नौ सितंबर को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद कहा था, Gen-Z प्रदर्शनकारियों के नाम पर की गई आगजनी और हिंसा के दौरान बड़ी संख्या में लोग मारे गए. उन्होंने कहा था कि प्रदर्शनकारियों की मौत की खबर सुनकर वह दुखी हैं.
सुशीला कार्की सरकार की आलोचना की
ओली ने सुशीला कार्की के नेतृत्व में बनी अंतरिम सरकार की आलोचना की. उन्होंने दावा किया है कि यह सरकार संवैधानिक प्रक्रिया के माध्यम से नहीं, बल्कि आगजनी और तोड़फोड़ के माध्यम से बनाई गई है. कार्की के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार का गठन 12 सितंबर को हुआ, जिससे ओली सरकार के पतन के बाद कई दिनों से जारी राजनीतिक अनिश्चितता समाप्त हो गई.
हम देश छोड़कर नहीं भागेंगे
अपदस्थ प्रधानमंत्री ने मांग की कि सरकार उन्हें सुरक्षा प्रदान करे. उन्होंने कहा कि अगर वे अन्य सुविधाएं वापस लेने का फैसला लेते हैं, तो कम से कम नेताओं को सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए. ओली ने कहा कि हम देश छोड़कर नहीं भागेंगे. हमें कानून-व्यवस्था बहाल करके और संविधान को सही रास्ते पर लाकर देश का निर्माण करना है.
नेपाल में 5 मार्च 2026 को होंगे चुनाव
इस बीच, गृह मंत्रालय ने शनिवार को एक नोटिस जारी कर सभी पक्षों से हिंसक और उत्तेजक गतिविधियों में शामिल न होकर शांतिपूर्ण माहौल बनाने में मदद करने का आग्रह किया, क्योंकि चुनाव की तारीख की घोषणा हो चुकी है. नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद पौडेल ने घोषणा की कि देश में चुनाव 5 मार्च 2026 को आयोजित होंगे.