हेड कांस्टेबल ने लगाई गार्ड ड्यूटी, भड़क गया सिपाही… राइफल से सीनियर पर चलाई गोली

हेड कांस्टेबल ने लगाई गार्ड ड्यूटी, भड़क गया सिपाही… राइफल से सीनियर पर चलाई गोली


सीनियर पर फायरिंग करने वाला आरोपी कांस्टेबल अरेस्ट

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के उमरिया जिला में पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में फायरिंग से दहशत फैल गई. दरअसल, आरक्षक की ड्यूटी लगाना एक प्रधान आरक्षक को उस समय भारी पड़ गया, जब शराब के नशे में गुस्साए आरक्षक ने उस पर फायरिंग कर दी. पीटीएस यानी पुलिस प्रशिक्षण शाला उमरिया में देर रात प्रशिक्षु आरक्षक कमल सिंह मरावी को गार्ड ड्यूटी पर लगाया गया. आरोप है की ड्यूटी के वक्त वह नशे में था. गार्ड कमांडर छोटेलाल कोल ने जब इस पर आपत्ति जताई, तो विवाद बढ़ गया और कमल सिंह ने रायफल से फायर कर दिया. गनीमत रही की गोली उन्हें नहीं लगी. जिसके बाद मौके पर मौजूद अन्य पुलिस कर्मियों ने आरोपी आरक्षक को दबोच लिया. घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस के वरिष्ठ आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच शुरू की. आरोपी के खिलाफ अपराध दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया है.

एसडीओपी उमरिया डॉ. नागेंद्र प्रताप सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि गुरुवार रात गार्ड कमांडर छोटेलाल कोल जवानों की ड्यूटी लगा रहे थे. इसी दौरान आरक्षक कमल सिंह मरावी को गार्ड ड्यूटी पर लगाया गया. आरोप है कि ड्यूटी लगाने के समय कमल सिंह शराब के नशे में था. जब गार्ड कमांडर ने इस पर आपत्ति जताई और उसे अनुशासन का पालन करने को कहा तो आरक्षक कमल सिंह भड़क गया और विवाद करने लगा. प्रशिक्षु आरक्षक कमल सिंह मरावी ने ड्यूटी पर लगाए जाने से नाराज होकर गार्ड कमांडर पर रायफल से फायर कर दिया. गनीमत रही कि इस फायरिंग में किसी को चोट नहीं आई, लेकिन इस घटना से पूरे ट्रेनिंग सेंटर में हड़कंप मच गया.

आरोपी के खिलाफ केस दर्ज

एसडीओपी डॉ. नागेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि पुलिस विभाग में अनुशासन सर्वोपरि है. शराब पीकर ड्यूटी करना और वरिष्ठ अधिकारी पर हमला करने जैसी हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी. इस प्रकार का आचरण न केवल पुलिस की छवि को धूमिल करता है बल्कि प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे अन्य आरक्षकों पर भी गलत प्रभाव डालता है. घटना के बाद आरोपी आरक्षक कमल सिंह मरावी को गिरफ्तार कर थाना कोतवाली लाया गया. उसके खिलाफ अलग-अलग धाराओं में केस दर्ज किया गया है. पुलिस ने आरोपी को न्यायालय में पेश किया और आगे की वैधानिक कार्रवाई की जा रही है.

फायरिंग के बाद दहशत

प्रशिक्षण शाला में हुई इस घटना के बाद सुरक्षा और अनुशासन व्यवस्था को लेकर सवाल उठने लगे हैं. ट्रेनिंग ले रहे आरक्षकों को कड़े नियम और अनुशासन के दायरे में रहना होता है, ताकि भविष्य में वे संवैधानिक जिम्मेदारियों का निर्वहन कर सकें. लेकिन शराब पीकर ड्यूटी करना और फिर फायरिंग जैसी हरकत से स्पष्ट है कि आरोपी ने विभागीय नियमों की धज्जियां उड़ाई हैं. फायरिंग की आवाज सुनकर
ट्रेनिंग सेंटर में मौजूद अन्य प्रशिक्षु और स्टाफ दहशत में आ गए. हालांकि, समय रहते आरोपी को काबू में कर लेने से बड़ी अनहोनी टल गई. गार्ड कमांडर छोटेलाल कोल भी इस घटना में सुरक्षित हैं.

घटना के बाद कटखरे में पुलिस विभाग

इस पूरे मामले ने पुलिस विभाग को भी कठघरे में खड़ा कर दिया है. आखिर प्रशिक्षण संस्थान के भीतर शराब पीकर ड्यूटी कैसे की जा सकती है और हथियार का इस तरह दुरुपयोग क्यों हुआ. अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की घटनाओं पर सख्ती से अंकुश लगाया जाएगा और जांच के बाद आवश्यक विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी.