प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता कुलदीप राय शर्मा और दो अन्य को कथित सहकारी बैंक ऋण “धोखाधड़ी” से जुड़े धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया.
प्रवर्तन निदेशालय (ED), कोलकाता जोन ने अंडमान और निकोबार राज्य सहकारी बैंक (ANSCBL) से जुड़े एक बड़े बैंक घोटाले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, उनमें कुलदीप राय शर्मा के अतिरिक्त के मुरुगन, मैनेजिंग डायरेक्टर, ANSCBL और के कैलैवनन, लोन ऑफिसर, ANSCBL शामिल हैं.
इनकी गिरफ्तारी 17 सितंबर 2025 को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत की गई है. विशेष कोर्ट ने कुलदीप राय शर्मा और के कैलैवनन को 8 दिन की ईडी कस्टडी में भेज दिया है. यह अंडमान-निकोबार में ED की पहली बड़ी कार्रवाई है.
जानें क्या है पूरा मामला
अंडमान पुलिस की क्राइम और आर्थिक अपराध शाखा में दर्ज एफआईआर के आधार पर ED ने जांच शुरू की. आरोप है कि बैंक के अधिकारी और निजी लोग मिलकर फर्जी कंपनियाँ बनाकर बैंक से बड़े-बड़े लोन पास करते थे.
बैंक के नियमों को तोड़कर 100 से ज्यादा फर्जी लोन अकाउंट खोलकर लगभग 500 करोड़ रुपये का नुकसान बैंक को पहुंचाया गया. इसमें से करीब 230 करोड़ रुपये कुलदीप राय शर्मा और उसके साथियों को फायदा पहुंचाने के लिए दिए गए.
कैसे किया घोटाला?
लोन पास कराने के बदले में 5% कमीशन लिया जाता था, जो या तो कैश में मिलता था या फर्जी कंपनियों के जरिए लेन-देन कर लिया जाता था. बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर और लोन ऑफिसर भी अपने रिश्तेदारों के नाम से कंपनियां बनाकर लोन लेते थे. यह सब कुलदीप राय शर्मा के कहने पर होता था.
घोटाले को लेकर तीन लोकेशन पर रेड
ED ने अंडमान-निकोबार में तीन जगहों पर छापे मारे हैं. इससे पहले 31 जुलाई और 1 अगस्त 2025 को 21 जगहों पर छापेमारी हुई थी. जांच में पता चला कि बैंक से लिए गए पैसे अलग-अलग फर्जी कंपनियों के जरिए निकाल कर बड़े अधिकारियों और नेताओं में बांटे गए. जांच अभी जारी है. आगे और जानकारी सामने आ सकती है.