अगर आप आज भी उधारी देने या लेने के लिए नकद यानी कैश का इस्तेमाल करते हैं, तो अब आपको थोड़ा सतर्क होने की जरूरत है. आयकर विभाग ने साफ कर दिया है कि 20 हजार रुपये से ज़्यादा का कैश अगर किसी ने लिया या दिया, तो कानून तोड़ने का मामला बन सकता है और पकड़े जाने पर जितनी रकम आपने कैश में दी या ली, उतना ही जुर्माना लगेगा.
कैश में उधार लेना गलत
अगर आपने किसी दोस्त, रिश्तेदार या जान-पहचान वाले से नकद में 20,000 रुपये से ज़्यादा उधार लिया या दिया, तो ये कानून के खिलाफ है. इनकम टैक्स के नियमों के मुताबिक, 20,000 रुपये से ज्यादा की रकम नकद में लेन-देन नहीं किया जा सकता चाहे वो उधार हो या किसी और वजह से.
अगर आप ऐसा करते हैं, तो आयकर विभाग इसे गंभीरता से ले सकता है. इसके लिए आयकर अधिनियम की धारा 269SS लागू होती है, और इसके तहत आप पर जितनी रकम नकद ली या दी गई है, उतना ही जुर्माना धारा 271D के तहत लगाया जा सकता है. मतलब अगर आपने 25,000 रुपये कैश में उधार लिया, तो 25,000 रुपये का जुर्माना भी भरना पड़ सकता है.
कैश लेन-देन पर लगाम जरूरी
सुप्रीम कोर्ट भी इस बारे में सख्त हो चुका है. अप्रैल 2025 में कोर्ट ने साफ कहा कि अगर कोई दो लाख से ज्यादा कैश में लेन-देन करता है, तो आयकर विभाग इसकी जांच करेगा. कोर्ट ने यह भी कहा कि जिसने नकद में पैसा दिया है, उसे यह भी बताना पड़ेगा कि वो पैसा उसके पास आया कहां से. सरकार का मानना है कि ज्यादा कैश में लेन-देन होने से काले धन और टैक्स चोरी के मामले बढ़ते हैं, इसलिए अब इस पर रोक लगाना जरूरी है.
कब लागू नहीं होते ये नियम?
अब आप सोच सकते हैं कि क्या हर किसी पर ये नियम लागू होते हैं? जवाब है नहीं. अगर लेन-देन किसी बैंक, सरकारी संस्था या सरकार के किसी विभाग से हो रहा हो, तो ये नियम लागू नहीं होते. इसके अलावा, अगर दोनों लोग खेती-बाड़ी से जुड़े हैं और दोनों की कमाई टैक्स के दायरे में नहीं आती, तो भी ये नियम लागू नहीं होते.
क्या करें ताकि परेशानी न हो?
अगर आप कोई उधार ले रहे हैं या किसी को पैसे दे रहे हैं, और रकम 20 हजार रुपये से ज़्यादा है, तो कोशिश करें कि सब कुछ बैंक के जरिए हो. आज के समय में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन बहुत आसान हो गया है. ऐसे में गलती से भी नकद में बड़ी रकम का लेन-देन करने से बचें. नहीं तो बाद में इनकम टैक्स विभाग से नोटिस आ सकता है और रकम के बराबर फाइन भी लग सकता है.