क्या टैरिफ पर पछता रहे ट्रंप? पूर्व राजनायिक ने बताया कैसे हुआ गलती का एहसास

क्या टैरिफ पर पछता रहे ट्रंप? पूर्व राजनायिक ने बताया कैसे हुआ गलती का एहसास
पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप

भारत के खिलाफ सख्त रुख अपनाने के बाद भी भारत अमेरिका के सामने झुका नहीं है. अब जब अमेरिकी राष्ट्रपति की दबाव नीति नहीं चली, तो वह नरम हो गए हैं. डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के प्रति अपने रुख में नरमी लाए हुए कम से कम दो दिन हो गए हैं, अमेरिका के पूर्व भारतीय राजनयिक केपी फैबियन ने रविवार को तर्क दिया कि ऐसा इसलिए है क्योंकि टैरिफ का ज्यादा असर नहीं हुआ है.

ANI की रिपोर्ट के मुताबिक फैबियन ने कहा कि ट्रंप को यह एहसास होने लगा है कि भारत के साथ उनकी आक्रामक व्यापार रणनीति, खासकर नई दिल्ली की ओर से रूसी तेल की खरीद की वजह से अतिरिक्त 25 फीसद शुल्क – जिससे कुल शुल्क 50 फीसद हो जाता है, कुछ खास परिणाम नहीं दे पाई.

ट्रंप का यूटर्न

ट्रंप ने अमेरिका-भारत संबंधों को ‘बेहद खास रिश्ता’ बताया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपने निजी रिश्तों को रेखांकित किया है, पीएम मोदी ने भी यह कहते हुए प्रतिक्रिया व्यक्त की है कि यह भावना पारस्परिक है.

ANI ने फैबियन के हवाले से कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने एक सौहार्दपूर्ण ट्वीट का जवाब देने के लिए जो उचित था, वह किया, लेकिन इससे हम यह निष्कर्ष नहीं निकाल सकते कि हम इस ‘ट्रिपल टी’, ट्रंप टैरिफ का जल्द ही अंत देखेंगे. ट्रंप टैरिफ का मतलब है बिना किसी आधार के.”

ट्रंप को गलती का एहसास

उन्होंने आगे कहा कि यह काफी हद तक साफ है कि राष्ट्रपति ट्रंप को यह एहसास होने लगा है कि भारत के आत्मसमर्पण करने की उनकी धारणा गलत थी.

फैबियन ने आगे कहा, “उन्हें यह समझना होगा कि भारत एक सभ्य देश है, भारत सभी के साथ मित्रता और व्यापार करना चाहता है, लेकिन वह हुक्म नहीं चला सकता.”