अमेरिका से चोरी कर हथियारों का जखीरा कैसे ला रहा है नॉर्थ कोरिया

अमेरिका से चोरी कर हथियारों का जखीरा कैसे ला रहा है नॉर्थ कोरिया


North Korean Leader Kim Jong Un

उत्तर कोरिया गुपचुप तरीके से अमेरिका से हथियारों और सैन्य सामान का जखीरा मंगवा रहा था. लेकिन अब इस मामले का बड़ा खुलासा हुआ है. अमेरिका के न्याय विभाग ने बताया है कि कैलिफोर्निया में रहने वाले एक चीनी नागरिक को उत्तर कोरिया के लिए हथियार और सैन्य सामान तस्करी करने के मामले में 8 साल की कैद की सजा सुनाई गई है.

इस चीनी नागरिक का नाम है शेंगहुआ वेन. इसकी उम्र 42 साल की है. शेंगहुआ को उत्तर कोरिया के अधिकारियों से करीब 20 लाख डॉलर (लगभग 16 करोड़ रुपये) मिले थे, जिसके बदले उन्होंने अमेरिका से हथियार और अन्य संवेदनशील तकनीक की शिपमेंट उत्तर कोरिया भेजी.

जानिए क्या है पूरा मामला?

न्याय विभाग के मुताबिक, वेन 2012 में छात्र वीजा पर अमेरिका आया था पर अमेरिका आया था, लेकिन 2013 में वीजा की अवधि खत्म होने के बाद भी वहीं रह गया. अदालत में पेश दस्तावेज बताते हैं कि अमेरिका आने से पहले वह चीन में उत्तर कोरियाई दूतावास के अधिकारियों से मिला था. उसी मुलाकात में उसे उत्तर कोरिया के लिए हथियार और सामान जुटाने का काम सौंपा गया.

2022 में उत्तर कोरियाई अधिकारियों ने उसे ऑनलाइन मैसेजिंग ऐप के जरिए संपर्क हथियार भेजने का निर्देश दिया था. इसके बाद 2023 में उसने लॉन्ग बीच पोर्ट (कैलिफोर्निया) से चीन के रास्ते कई कंटेनर भेजे, जिनमें हथियार भरे हुए थे. शिपमेंट में गलत जानकारी देकर उसने इन्हें घरेलू सामान जैसे कि रेफ्रिजरेटर बताया. एक कंटेनर जनवरी 2024 में हांगकांग पहुंचा और वहां से सीधे नंपो (उत्तर कोरिया) भेजा गया.

जांच में और क्या सामने आया?

जांच में ये भी सामने आया ककि वेन ने उत्तर कोरिया से भेजे गए पैसों से ह्यूस्टन (टेक्सास) में एक गन शॉप खरीदी और वहां से हजारों हथियार कैलिफोर्निया भेजे, जिन्हें बाद में उत्तर कोरिया भेजा गया. सितंबर 2024 में उसने करीब 60,000 गोलियां भी खरीदीं जिन्हें भेजने की योजना थी.

अंतरराष्ट्रीय पाबंदियों के बावजूद ऐसा होता रहा

हैरानी की बात ये है कि अंतरराष्ट्रीय पांबदियों के बावजूद उत्तर कोरिया अमेरिका से हथियारों का जखीरा मंगवाता रहा. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के नियमों के तहत उत्तर कोरिया पर हथियारों और सैन्य सामान की खरीद फरोख्त पर पूरी तरह प्रतिबंध है.
अमेरिका ने भी उसके परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम को देखते हुए कई तरह की पाबंदियाँ लगाई हैं. इसके बावजूद उत्तर कोरिया अलग-अलग तरीकों से अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को तोड़ता रहा है. 2015 में अमेरिका ने सिंगापुर की एक शिपिंग कंपनी को ब्लैकलिस्ट किया था, जिस पर उत्तर कोरिया की अवैध हथियार सप्लाई में मदद का आरोप था.