म्यूचुअल फंड
पिछले 18 महीनों में म्यूचुअल फंड के डायरेक्ट प्लान में निवेश करने वाले लोगों के बीच एक बड़ा बदलाव देखा गया है. बिजनेस स्टैंडर्ड्स की रिपोर्ट के अनुसार, अब डायरेक्ट प्लान में निवेश सलाहकारों और PMS प्रदाताओं के माध्यम से निवेश करने वालों की हिस्सेदारी तेजी से बढ़ रही है. जबकि बिना किसी सलाह के खुद निवेश करने वाले यानी DIY (Do It Yourself) निवेशकों की बढ़त थोड़ी कम हो गई है. यह बदलाव निवेश के तरीके और बाजार की अस्थिरता के कारण हो रहा है.
डायरेक्ट प्लान में निवेश के दो तरीके
डायरेक्ट म्यूचुअल फंड प्लान में निवेश करने वाले दो तरह के निवेशक होते हैं. पहला, वे जो बिना किसी सलाह के खुद अपने फंड खुद चुनते हैं, इन्हें DIY निवेशक कहते हैं. दूसरा वे लोग जो निवेश सलाहकार या पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सेवा (PMS) प्रदाताओं की मदद लेते हैं. दोनों के बीच मुख्य फर्क यह है कि DIY निवेशक कोई फीस नहीं देते, जबकि सलाहकार और PMS प्रदाता अपनी सेवाओं के बदले शुल्क लेते हैं.
आंकड़ों से क्या पता चलता है?
बिजनेस स्टैंडर्ड्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी 2024 से अब तक, सलाहकार और PMS प्रदाता के जरिए निवेश करने वालों की परिसंपत्ति (AUM) में करीब 64-65% की वृद्धि हुई है. इसके मुकाबले, DIY निवेशकों की परिसंपत्ति में 47% की बढ़ोतरी हुई है. कुल मिलाकर म्यूचुअल फंड के डायरेक्ट प्लान में 41% की वृद्धि दर्ज हुई है. इसका मतलब यह है कि अब निवेशक बिना सलाह के निवेश करने की तुलना में मार्गदर्शन के साथ निवेश का रास्ता अपना रहे हैं.
क्यों बढ़ रही है सलाहकार के साथ निवेश की मांग?
हाल के समय में बाजार में अस्थिरता और कम रिटर्न की वजह से नए और पुराने निवेशक दोनों को गाइडेंस की जरूरत महसूस हो रही है. निवेश सलाहकार और PMS प्रदाता बाजार की स्थिति समझकर बेहतर निवेश सलाह देते हैं, जिससे निवेशक घबराहट में आकर निवेश रोकने से बचते हैं. यही कारण हो सकते हैं कि निवेशक अब बाजार की अनिश्चितताओं के बीच सलाहकारों की मदद लेकर बेहतर निवेश निर्णय लेना पसंद कर रहे हैं.