छत्तीसगढ़ में अब होगी पुलिस कमिश्नर प्रणाली की शुरुआत, CM विष्णु देव साय ने किया एलान, जानें कैसे होगा काम?

छत्तीसगढ़ में अब होगी पुलिस कमिश्नर प्रणाली की शुरुआत, CM विष्णु देव साय ने किया एलान, जानें कैसे होगा काम?

छत्तीसगढ़ में अब पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होने जा रही है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने स्वतंत्रता दिवस समारोह में इसकी आधिकारिक घोषणा की। प्रदेश की कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने और पुलिस को अधिक अधिकार देने के दृष्टिकोण से इस फैसले को अहम माना जा रहा है। साय सरकार कमिश्नर प्रणाली सबसे पहले रायपुर में शुरू करेगी। पायलट प्रोजेक्ट सफल रहा तो इसका दायरा बढ़ाया जाएगा। रायपुर के बाद बिलासपुर, दुर्ग समेत अन्य जिलों में इसे लागू किया जाएगा। पुलिस अफसरों के मुताबिक रायपुर से शुरुआत करने के लिए प्रशासनिक तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं।

बढ़ जाएंगी पुलिस की शक्तियां

इससे पुलिस की शक्तियां बढ़ेंगी। लंबे समय से इस व्यवस्था पर चर्चा चल रही थी और साय सरकार ने इसे तेजी से अमल में लाने का निर्णय लिया। कमिश्नर प्रणाली लागू होने पर पुलिस अधिकारियों की शक्तियां बढ़ जाती हैं। जानकारी के अनुसार 10 लाख से अधिक आबादी वाले जिलों में यह प्रणाली लागू होगी। ऐसे में रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर प्रमुख शहर होंगे, जहां आगे इसका दायरा बढ़ाया जा सकता है। इस प्रणाली के तहत सीनियर पुलिस अधिकारी दंड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत कई मामलों में सीधे कार्रवाई कर सकेंगे। इससे अपराधों पर तत्काल रोकथाम और त्वरित फैसला लेना संभव होंगा।

ऐसा होगा सेटअप

इस व्यवस्था में पुलिस आयुक्त आइजी स्तर के अधिकारी होंगे। उनके सहयोग के लिए दो से तीन अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (डीआइजी, एसएसपी रैंक) रहेंगे। इसके अलावा सात उपायुक्त (एएसपी), 16 से 17 डीएसपी, 10 निरीक्षक और लगभग 25 एसआइ-एएसआइ-कांस्टेबल तैनात किए जाएंगे। इस प्रणाली में कानून-व्यवस्था से जुड़े मामलों में सीधे पुलिस कमिश्नर को अधिकार प्राप्त होंगे, जो पहले कलेक्टर के पास रहते थे।यह होंगे फायदेकमिश्नर प्रणाली लागू होने से पुलिस को कई संवेदनशील मामलों में स्वतंत्रता मिल जाएगी। हथियारों के लाइसेंस, होटल-बार संचालन की अनुमति, धरना-प्रदर्शन की मंजूरी, दंगों की स्थिति में बल प्रयोग और जमीन विवाद जैसे मामलों का निपटारा सीधे पुलिस स्तर पर किया जाएगा। साथ ही पुलिस कमिश्नर मजिस्ट्रेट की तरह प्रतिबंधात्मक आदेश भी जारी कर सकेंगे।

आठ से 10 जोन में बंटेगा रायपुर

कमिश्नर प्रणाली के तहत शहर को आठ से 10 जोन में विभाजित किया जाएगा। जोन की जिम्मेदारी डीसीपी (डिप्टी कमिश्नर आफ पुलिस) पर होगी, जिनके अधीन एसीपी (असिस्टेंट कमिश्नर आफ पुलिस) स्तर के अधिकारी काम करेंगे। प्रत्येक एसीपी के अंतर्गत दो से तीन पुलिस थाने होंगे। पूरी व्यवस्था का संचालन पुलिस कमिश्नर करेंगे, जो एडीजी रैंक के वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी होंगे। देश के इन प्रमुख शहरों में पहले से लागूपुलिस कमिश्नर प्रणाली देश के कई प्रमुख शहरों और जिलों में लागू है। इनमें मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के अलावा इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर देश की राजधानी दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, अहमदाबाद, पुणे, कानपुर, लखनऊ, नोएडा, वाराणसी, आगरा, प्रयागराज और गाजियाबाद शहर शामिल हैं।