मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2015 में जब डायल-100 चली थी तो मुझे लगा था कि गई गाड़ी गड़्ढे में। टीआई साहब मजे करेंगे। यह टेक्नोलाजी का ही कमाल था कि सभी गाड़ियां भोपाल से नियंत्रित होती थीं। देश में सबसे पहले हमने डायल-100 का प्रयोग किया था। बाद में उत्तर प्रदेश ने अपनाया। कैसा भी मामला हो डायल-100 ने बड़ी भूमिका निभाई।
उन्होंने कहा कि पुलिस को हमारी तरफ से पूरी छूट है। अगर कोई गलत करता है तो ठोस कार्रवाई करें। सरकार आपके साथ खड़ी रहेगी। हम इसमें पीछे हटने वाले नहीं हैं।
देश विरोधी ताकतों या माओवाद के उन्मूलन में पुलिस जो चाह रही है, हम छूट दे रहे हैं। जितने भी जवान चाहिए मिलेंगे, बस यही चाहता हूं कि विभाग अपना काम अच्छे से कर ले। मध्य प्रदेश पुलिस का देश भर में नाम हो।
- बुधवार को भी मोहन यादव ने कहा था कि कोई कितना भी पहुंच वाला क्यों न हो, हम उसे छोड़ेंगे नहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2015 में जब डायल-100 चली थी तो मुझे लगा था कि गई गाड़ी गड़्ढे में।
- टीआई साहब मजे करेंगे। यह टेक्नोलाजी का ही कमाल था कि सभी गाड़ियां भोपाल से नियंत्रित होती थीं। देश में सबसे पहले हमने डायल-100 का प्रयोग किया था।
- बाद में उत्तर प्रदेश ने अपनाया। कैसा भी मामला हो डायल-100 ने बड़ी भूमिका निभाई। इस डिजिटल दौर में विभिन्न विभागों के तरह-तरह के कैमरे शहरों में लगे हैं।
- सभी से समन्वय कर उनका उपयोग सुरक्षा के लिए करें। इसके पहले डीजीपी कैलाश मकवाणा ने डायल-112 शुरू होने में देरी की वजह और इसकी विशेषताओं के बारे में बताया।
- इसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे गुस्सा आता था जब ये लोग बार- बार इसके उद्घाटन की तारीख बढ़वाने आते थे। मैंने साफ कह दिया था कि 15 अगस्त से आगे नहीं जाएंगे।
यह हैं इस वाहन की विशेषताएं
- शहरी क्षेत्रों में 600 स्कार्पियो एन और ग्रामीण क्षेत्र में इतनी ही बोलेरो नियो चलेंगी।
- वाहन में आगे कांच के पास डैशबोर्ड कैमरा लगाया गया है।
- स्ट्रेचर और एंड्राइड प्लेटफार्म आधारित लोकेशन ट्रैकिंग सिस्टम लगाया गया है।
- वाहनों को प्रदेश के 15,000 संवेदनशील स्थानों पर प्राथमिकता अनुसार लगाया जाएगा, जिससे पुलिस जल्दी पहुंच सके।
- एक सप्ताह के भीतर सभी जिलों में वाहन पहुंचकर दौड़ने लगेंगे। गुरुवार को भोपाल, सीहोर, रायसेन और विदिशा के लिए वाहन रवाना किए गए।
ये सेवाएं भी मिल सकेंगी 112 से
केंद्र सरकार ने सभी सेवाओं के लिए एकीकृत नंबर 112 कर दिया है। प्रदेश में भी अब पुलिस (100), एंबुलेंस (108), अग्निशमन (101), महिला हेल्पलाइन (1090), साइबर क्राइम (1930), रेल मदद (139), हाईवे एक्सीडेंट रिस्पांस (1099), प्राकृतिक आपदा (1079) और महिला एवं चाइल्ड हेल्पलाइन (181,1098) जैसी सभी सेवाएं एक ही नंबर 112 से उपलब्ध होंगी।
विभाजन विभीषिका पर बोले- भविष्य में खतरा बनते हैं कई राजनीतिक निर्णय
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि 14 अगस्त का दिन विभाजन विभीषिका का है। हम आजादी का जश्न तो मनाएंगे पर इस विभीषिका को नहीं भूलेंगे। यह दिन देशवासियों के लिए बहुत कष्टकारी था। असामान्य विभाजन का कष्ट सदियों तक रहता है। जो हमसे अलग हुए वह भी इसे भुगत रहे हैं। तत्कालीन व्यवस्थाओं के बलबूते पर कोई राजनीतिक निर्णय लिए जाते हैं तो वे आगे जाकर भविष्य में खतरा बनकर उभरते हैं। उनसे निपटने की भी जरूरत पड़ती है।