डोनाल्ड ट्रंप
अमेरिकी डॉलर अब खतरे में नजर आ रहा है. यूएसए की करेंसी कमजोर होना शुरू हो हई है और भारत-चीन जैसे देश मजबूत हो रहे हैं. ऐसा हम नहीं कह रहे हैं बल्कि एक्सपर्ट का मानना है. अमेरिकी अर्थशास्त्री जेराल्ड सेलेंते ने कहा कि अमेरिकी डॉलर अब कमजोर हो रहा है. भारत को डेड इकोनॉमी कहने वाले राष्ट्रपति ट्रंप की करेंसी के हालात खराब चल रहे हैं, जिसके रुझान एक्सपर्ट के जरिए आने लगे हैं.
बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, क्यूबा-अमेरिकी पत्रकार रिक सांचेज के साथ एक पॉडकास्ट में, सेलेंटे से भारत के रूस से तेल खरीदने के फैसले के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि भारत अब ज्यादा आत्मनिर्भर हो रहा है. वे अपने प्रोडक्ट्स खुद बनाते और खरीदते हैं, जैसे पहले अमेरिका में होता था.
सेलेंटे का मानना है कि अमेरिका अपनी वैश्विक आर्थिक ताकत खो रहा है. उन्होंने कहा कि पहले चीन के पास भारी उद्योग या हाई-टेक क्षमता नहीं थी, लेकिन अब वो इस मामले में दुनिया में लीडर है. इलेक्ट्रिक वाहनों को देख लो. इसका मतलब है कि वो भी ज्यादा आत्मनिर्भर हो रहे हैं. यह बात ऐसे समय में आई है जब अमेरिका ने भारत और ब्राजील जैसे देशों पर 50% टैरिफ लगाया है, क्योंकि भारत रूस से तेल खरीद रहा है. इससे वाशिंगटन और BRICS देशों के बीच तनाव बढ़ गया है.
अमेरिका को दूसरे देशों के मामले से दूर रहना चाहिए
जब सेलेंटे से पूछा गया कि अमेरिका दूसरे देशों के फैसलों में दखल क्यों देता है, तो उन्होंने गुस्से में कहा कि अमेरिका को यह हक कैसे कि वो दूसरों को बताए कि क्या करना है? उनका मानना है कि अमेरिका को दूसरे देशों के आर्थिक फैसलों में टांग नहीं अड़ानी चाहिए. सेलेंटे ने अमेरिकी डॉलर के भविष्य को भी खराब बताया. उन्होंने इसे डॉलर की मौत कहा और 2018 में ट्रंप के समय ब्याज दरों में कटौती को इसका एक कारण बताया. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था नीचे जा रही है. डॉलर की मौत शुरू हो चुकी है. BRICS देश भी अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम करने की कोशिश कर रहे हैं. वे नई फाइनेंशियल सिस्टम बनाना चाहते हैं ताकि IMF और वर्ल्ड बैंक जैसे पश्चिमी संस्थानों पर उनकी निर्भरता कम हो.