फहीम बम के खिलाफ पहले से ही वन परिक्षेत्र गढ़ी (वन मंडल रायसेन) और वन मंडल उड़नदस्ता भोपाल में दो मामले दर्ज हैं, इसके बावजूद आज तक कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई। यह सीधे तौर पर वन विभाग की लापरवाही को दर्शाता है।
पुलिस ने उसके बेटे हुजैफा शेख को हिरासत में लिया है और बरामद मांस को परीक्षण के लिए भेजा गया है। प्रारंभिक जांच में नीलगाय का मांस होना सामने आया है।
वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 तहत संरक्षित इस प्राणी का शिकार गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है, लेकिन भोपाल वन मंडल और उड़नदस्ता भोपाल की उदासीनता के चलते यह अपराधियों के लिए अब आम बात बनती जा रही है।
गौरतलब है कि फहीम बम के खिलाफ पहले से ही वन परिक्षेत्र गढ़ी (वन मंडल रायसेन) और वन मंडल उड़नदस्ता भोपाल में दो मामले दर्ज हैं, इसके बावजूद आज तक कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई। यह सीधे तौर पर वन विभाग की लापरवाही को दर्शाता है।
उड़नदस्ता कागजाें में सक्रिय, संरक्षित प्राणी असुरक्षित
वन्य जीव संरक्षण के लिए गठित उड़नदस्ता अब सिर्फ कागजी खानापूर्ति तक सिमट कर रह गया है। जिन अपराधियों पर पहले से मामले दर्ज हैं, वे खुलेआम संरक्षित प्राणियों का शिकार कर रहे हैं, और विभाग उन्हें रोकने में विफल साबित हो रहा है। ऐसे मामलों पर भोपाल वन मंडल के अधिकारी भी आंखें मूंदे हुए हैं। न तो कोई निगरानी हो रही है, न ही कोई ठोस रणनीति अपनाई जा रही है। यही कारण है कि वन्य जीवों के अवैध शिकार की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है।