लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, हिम्मत करने वालों की कभी हार नहीं होती ये पंक्तियां पश्चिम बंगाल की अंकिता डे पर बिल्कुल सटीक बैठती हैं. जिन हालातों में कई लोग हार मान लेते हैं, उन हालातों में भी अंकिता ने हार नहीं मानी. एक समय था जब वे ट्रेन में खड़े होकर पढ़ाई करती थीं, और आज वे विश्व की प्रतिष्ठित आईटी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट में सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट इंजीनियर (SDE) के पद पर कार्यरत हैं.
पढ़ाई में शुरू से रहीं तेज
अंकिता शुरू से पढ़ाई में तेज रही हैं. उन्हें बचपन से ही पढ़ाई में खास दिलचस्पी थी. उनकी लगन को देखकर परिवार ने भी हमेशा उनका पूरा साथ दिया. अंकिता ने अपनी 10वीं और 12वीं की पढ़ाई डग्लस मेमोरियल हायर सेकेंडरी स्कूल से की. 10वीं में उन्होंने 91% अंक हासिल किए, जबकि 12वीं में 92.8% नंबर मिले.
इसके बाद उन्होंने अकैडमी ऑफ टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग (ECE) में बीटेक किया. बीटेक के दौरान ही उन्हें कोडिंग में रुचि हुई. तकनीकी पढ़ाई के साथ-साथ उन्होंने यूट्यूब से खुद कोडिंग सीखनी शुरू की और धीरे-धीरे अपनी स्किल्स को बेहतर बनाती रहीं.
GATE पास कर पहुंचीं IIT कानपुर
बीटेक खत्म करने के बाद अंकिता का सपना था कि वो IIT जैसे बड़े संस्थान से आगे की पढ़ाई करें. इस सपने को सच करने के लिए उन्होंने साल 2020 में GATE परीक्षा दी और कंप्यूटर साइंस विषय में ऑल इंडिया रैंक 312 हासिल की. इस शानदार रैंक के बाद उनका सिलेक्शन IIT कानपुर में एमटेक कोर्स के लिए हुआ. वहां भी उन्होंने कड़ी मेहनत और लगन से पढ़ाई की. उनके बेहतरीन अकादमिक प्रदर्शन के लिए उन्हें अकादमिक एक्सीलेंस अवॉर्ड से भी नवाजा गया.
माइक्रोसॉफ्ट ने दिया दमदार पैकेज
मिंट की खबर के मुताबिक, IIT से एमटेक पूरा करने के बाद अंकिता को माइक्रोसॉफ्ट में SDE (सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट इंजीनियर) के पद पर नौकरी का ऑफर मिला. यह वही जगह है, जहां पहुंचना देश के लाखों युवाओं का सपना होता है. अंकिता की यह कामयाबी सिर्फ उनकी निजी सफलता नहीं है, बल्कि उन सभी छात्रों के लिए एक बड़ी प्रेरणा है, जो कम संसाधनों में भी बड़े सपने देखते हैं और उन्हें पाने के लिए मेहनत करते हैं.