अब तो फैसला भी आ गया, मेरे पापा कब आएंगे…? मालेगांव ब्लास्ट के आरोपी का 17 साल से इंतजार, बेटे ने लगाई गुहार

अब तो फैसला भी आ गया, मेरे पापा कब आएंगे…? मालेगांव ब्लास्ट के आरोपी का 17 साल से इंतजार, बेटे ने लगाई गुहार
देवव्रत कलसांगरा

NIA कोर्ट की ओर से 17 साल पहले हुए मालेगांव ब्लास्ट के मामले में फैसला सुना दिया गया है. केस से जुड़े सभी आरोपियों को सबूतों के अभाव में दोषमुक्त कर बरी कर दिया है, लेकिन मध्यप्रदेश के इंदौर के एक परिवार को अब भी न्याय की आस है. इस परिवार के दो लोग इस हादसे में आरोपी बनाए गए. उन्हें गिरफ्तार किया गया, लेकिन इतने साल बीत जाने के बाद भी दोनों का कुछ पता नहीं चल पाया. इंदौर के रहने वाले देवव्रत कलसांगरा आज भी अपने पिता के लौटने की उम्मीद लगाए बैठे हैं.

दरअसल देवव्रत के पिता रामचंद्र उर्फ़ रामजी कलसांगरा, पिछले 17 सालों से लापता हैं. 2008 के मालेगांव ब्लास्ट केस में एनआईए ने उन्हें आरोपी बताया था, लेकिन तब से आज तक न रामजी का कोई सुराग मिला और न ही उनका कोई बयान सामने आया. रामचंद्र कलसांगरा के बेटे देवव्रत का कहना है कि पापा कहां हैं, हमें नहीं पता न एटीएस ने बताया न किसी और ने, अब तो फैसला भी आ गया, मेरे पापा कब आएंगे. मैं अब भी उम्मीद कर रहा हूं कि वो लौटेंगे. उस समय परिवार के तीन लोगों को आरोपी बनाया गया था.

रामजी को मुंबई ले गई थी ATS

लापता रामजी के बेटे ने बताया कि उनके पिता को गिरफ्तार करने के बाद 2008 में एटीएस उन्हें मुंबई ले गई थी. बताया गया कि पूछताछ के लिए 10 से 12 दिन तक उन्हें गैर कानूनी रूप से रखा गया था. मारपीट कर कई यातनाएं दी गईं. उसके बाद गिरफ्तारी दिखाई गई थी. चार्जशीट दाखिल होने के बाद करीब 5 लोगों को आरोपी बनाया गया था. उन्हें क्लीन चिट दी गई थी.

17 साल से परिवार कर रहा इंतजार

जिन 5 लोगों को आरोपी बनाया गया था. उनमें दिलीप पाटीदार भी थे. उनकी गिरफ्तारी कर इंदौर की खजराना पुलिस को जानकारी देते हुए एटीएस लेकर गई थी. इसके बाद कहा गया कि उन्हें पूछताछ कर छोड़ दिया गया था, लेकिन 17 साल बीत जाने के बाद आज तक भी उनका कोई पता नहीं चल पाया है कि वह आखिर कहां हैं. सीबीआई की जांच में दो एटीएस के अधिकारियों को दोषी पाया गया था.

देवव्रत कलसांगरा ने कहा कि आज सभी अपने परिवार के साथ हैं, लेकिन हमारा परिवार आज भी इंतजार कर रहा है. उन्होंने कहा कि हमें इंतजार करते हुए 17 साल हो गए, लेकिन हमें समझ नहीं आ रहा कि हमारा ये इंतज़ार आखिर कब खत्म होगा. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि एटीएस के जिन अधिकारियों को कोर्ट ने दोषी माना था. आज भी वह खुले आम घूम रहे हैं. उन्हें आज तक कोई सजा क्यों नहीं सुनाई गई.