चौथे मैच के आखिरी सीजन में जबरदस्त ड्रामा देखने को मिला। भारत ने यह टेस्ट इंग्लैंड के जबड़े से खींच कर ड्रॉ करवा दिया। चलिए, आपको बताते हैं कि गौतम गंभीर ने इसको लेकर क्या कहा है।
भारत और इंग्लैंड के बीच चौथे टेस्ट के आखिरी दिन एक दिलचस्प घटना देखने को मिली। इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स मैच को ड्रॉ कराने के लिए खेल को रोकना चाहते थे, लेकिन भारतीय बल्लेबाज रवींद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर इससे सहमत नहीं हुए। इस फैसले पर टीम इंडिया के मुख्य कोच गौतम गंभीर और कप्तान शुभमन गिल ने दोनों खिलाड़ियों का समर्थन किया।
मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में गौतम गंभीर ने कहा, “अगर इंग्लैंड का कोई बल्लेबाज 90 रन पर होता तो क्या वह मैदान छोड़ देता? क्या वे अपने शतक के हकदार नहीं होते?” उन्होंने साफ किया कि खिलाड़ियों का यह हक है कि वे अपना व्यक्तिगत माइलस्टोन पूरा करें।
शुभमन गिल का भी समर्थन
कप्तान शुभमन गिल ने भी यही बात दोहराई। उन्होंने कहा कि जडेजा और सुंदर दोनों ही 90 के पार थे, इसलिए वे शतक बनाने के हकदार थे।
इससे पहले मैदान पर जडेजा ने जब ड्रॉ के लिए खेलने से मना किया, तो बेन स्टोक्स ने मजाकिया अंदाज में पूछा, “क्या आप हैरी ब्रूक के खिलाफ शतक बनाना चाहते हैं?” जडेजा ने इसका जवाब देते हुए कहा, “मैं कुछ नहीं कर सकता।”
स्टोक्स ने मैच के बाद कहा कि जैसे ही ड्रॉ तय हो गया, वे अपने गेंदबाजों को अगले टेस्ट से पहले ज्यादा थकाना नहीं चाहते थे। इसलिए उन्होंने हैरी ब्रूक को गेंदबाजी पर लगाया। इसी ओवर में जडेजा ने ब्रूक की गेंद पर छक्का लगाकर अपना तीसरा टेस्ट शतक पूरा किया।