भारतीय स्टूडेंट्स और इन्वेस्टर्स अब कनाडा, यूएस या ऑस्ट्रेलिया की बजाय न्यूजीलैंड की ओर रुख कर रहे हैं. न्यूजीलैंड ने स्टूडेंट वीजा को फास्ट-ट्रैक करने और अमीर इमिग्रेंट्स को लुभाने के लिए कई नए कदम उठाए हैं. ये सब कोविड के बाद की इकोनॉमी को बूस्ट करने और न्यूजीलैंड को पढ़ाई, काम और लाइफस्टाइल के लिए आकर्षक डेस्टिनेशन बनाने का हिस्सा है. इसी के चलते अब पढ़ने के लिए बच्चे यूएस में न जाकर वहां जाना पसंद कर रहे हैं.
न्यूजीलैंड ने 23 जून को भारत को अपनी क्वालिफिकेशन एग्जेम्प्ट लिस्ट (LQEA) में शामिल किया. इसका मतलब है कि IITs, IISERs, IIMs और सेंट्रल यूनिवर्सिटीज जैसे टॉप इंडियन इंस्टीट्यूट्स से बैचलर, मास्टर्स या पीएचडी डिग्री अब बिना एक्स्ट्रा असेसमेंट के मान्य होगी. पहले इंटरनेशनल क्वालिफिकेशन असेसमेंट (IQA) में 8-12 हफ्ते लगते थे और करीब NZD 746 की फीस थी. अब ये प्रोसेस तेज, सस्ता और स्टूडेंट-फ्रेंडली हो गया है और VISA डिसीजन अब 20-25 वर्किंग डे में ही गो जाते हैं.
ये सुविधाएं भी हैं
इसके अलावा, न्यूजीलैंड ने स्टूडेंट्स के लिए 12 महीने का एक्सटेंडेड एप्लिकेशन विंडो और PGDip + मास्टर्स का कॉम्बिनेशन शुरू किया है. इससे स्टूडेंट्स को जॉब ढूंढने के लिए ज्यादा टाइम मिलेगा. साथ ही, नवंबर से इंटरनेशनल स्टूडेंट के लिए पार्ट टाइम में काम करने के घंटे को हफ्ते में 20 घंटे से बढ़ाकर 25 घंटे कर दिया है.
जॉब और इमिग्रेशन के मौके
न्यूजीलैंड में स्किल्ड माइग्रेंट कैटेगरी, ग्रीन लिस्ट रोल्स, सेक्टर एग्रीमेंट और एक्रेडिटेड एम्प्लॉयर वर्क वीजा जैसे रास्ते इंडियन स्टूडेंट्स के लिए उपलब्ध हैं. यूनिवर्सिटी लिविंग की रिपोर्ट के मुताबिक, 2030 तक 24,594 इंडियन स्टूडेंट्स न्यूजीलैंड में पढ़ाई के लिए जा सकते हैं. जुलाई में भारत से स्टूडेंट्स की इंक्वायरीज में 40% की बढ़ोतरी हुई है.
अमीर इमिग्रेंट्स के लिए गोल्डन वीजा
न्यूजीलैंड ने अपने इन्वेस्टर वीजा प्रोग्राम को भी आसान बनाया है. अब दो ऑप्शन्स हैं. पहली ग्रोथ कैटेगरी के तहत 3 साल में NZ$5 मिलियन का इन्वेस्टमेंट और सिर्फ 21 दिन न्यूजीलैंड में रहना होगा. वहीं, दूसरा बैलेंस्ड कैटेगरी है. इसके तहत 5 साल में NZ$10 मिलियन का इन्वेस्टमेंट और 105 दिन रहना होगा.
इंग्लिश लैंग्वेज और उम्र की पाबंदी हटा दी गई है, जिससे ज्यादा लोग अप्लाई कर सकते हैं. इन्वेस्टमेंट ऑप्शन्स में बिजनेस, मैनेज्ड फंड्स, बॉन्ड्स और प्रॉपर्टी शामिल हैं. अप्रैल 2025 से शुरू हुए इस नए सिस्टम में अब तक 236 एप्लिकेशन्स मिल चुकी हैं, जो पुराने सिस्टम से 105% ज्यादा हैं.