बकवास बंद करिए, बिजली विभाग कोई बनिया की दुकान नहीं है… अधिकारियों पर फायर हुए यूपी के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा

बकवास बंद करिए, बिजली विभाग कोई बनिया की दुकान नहीं है… अधिकारियों पर फायर हुए यूपी के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा
उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा.

उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा पिछले कई दिनों से बिजली व्यवस्था की जमीनी हकीकत जानने के लिए जिलों के दौरे कर रहे थे. इस दौरान उन्हें खूब खामियां मिलीं. इसके बाद बुधवार को उन्होंने UPPCL चेयरमैन और पूरे राज्य के एक्सईएन तक की मीटिंग रखी. पूरा दस मिनट बिजली के मुखिया UPPCL चेयरमैन और कुछ अधिकारियों को सुनने के बाद जब मंत्री बोले तो पूरा महकमा हिल गया. मंत्री ने कहा कि जमीनी हकीकत एकदम अलग है. उन्होंने अधिकारियों को जमकर फटकारा. उन्होंने अधिकारियों से यहां तक कह डाला कि आप लोग अंधे, बहरे, काने होकर बैठे हो. आइए जानते हैं कि ऊर्जा मंत्री ने क्या कहा.

ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा, आप लोग अपनी बकवास बंद करिए. मैं आपकी बकवास सुनने नहीं बैठा हूं. नीचे जमीनी हकीकत एकदम अलग है. जनता को फेस करिए तब मालूम पड़ेगा. मैं कई जिलों का दौड़ा करके कल ही लौटा हूं. आप लोग अंधे, बहरे, काने होकर बैठे हो. जनता पर क्या बीत रही है और लोग विभाग के बारे में क्या सोच रहे हैं, यह आपको मालूम ही नहीं.

बिजली विभाग कोई बनिया की दुकान नहीं है

एके शर्मा ने कहा, पुलिस से भी खराब काम है आप लोगों का. जो झूठी रिपोर्ट नीचे से आती है वही आप लोग ऊपर तक बताते हो. बिजली विभाग कोई बनिया की दुकान नहीं है कि खाली बिल के पैसे वसूलने के लिए काम करें. यह एक जनसेवा है. हमें उस हिसाब से बर्ताव करना पड़ेगा. पूरा फीडर या गांव की लाइन काटने पर फटकारते हुए बोले कि उन उपभोक्ताओं की क्या गलती है जो समय से बिल भर रहे हैं. उनका जला हुआ ट्रांसफार्मर नहीं बदलना या उच्चीकरण नहीं करना कौन सा न्याय है.

लगता है हमें बदनाम करने की सुपारी ले ली है

मंत्री का गुस्सा यहीं नहीं रुका. उन्होंने कहा, लगता है बिजली विभाग ने हमें बदनाम करने की सुपारी ले ली है. कंप्यूटर के जमाने में एक सामान्य आदमी का 72 करोड़ रुपए का बिल आता है और फिर उसे ठीक करने के लिए पैसा लेते हो तुम लोग. गलत जगह विजिलेंस के छापे डाले जा रहे हैं. जहां बड़ी चोरी हो रही है वहां नहीं जाते. एफआईआर करने के नाम पर पैसा वसूली हो रही है.

आपको किसने अधिकार दिया मनमानी करने का

उन्होंने कहा कि आज की ये सब बातें लिखी जाएं. मौखिक बोल-बोलकर मैं थक गया हूं. आप लोग मीटिंग में हमारी बात सुनने के बाद कहीं और से संचालित होकर उल्टा ही करते हो. अब ये सब नहीं चलेगा. मैं जनता के प्रति जवाबदेह हूं. विधानसभा में जवाब देता हूं. आपको किसने अधिकार दिया मनमानी करने का. आप लोगों के गलत और असामयिक निर्णयों का खामियाजा पूरा प्रदेश भुगत रहा है. मेरे बार-बार कहने के बावजूद आप लोग सतर्क नहीं हो रहे हो. जैसे संविदा कर्मियों को निकालने का विषय, फोन उठाने का विषय और विद्युत दुर्घटनाओं का विषय.