हम खाने को तरस जाते थे… बिना इनवाइट शादियों में कैसे खाना खाते थे अनुपम खेर और उनके दोस्त? एक्टर ने सुनाया किस्सा

हम खाने को तरस जाते थे… बिना इनवाइट शादियों में कैसे खाना खाते थे अनुपम खेर और उनके दोस्त? एक्टर ने सुनाया किस्सा
अनुपम खेर ने सुनाई संघर्ष के दिनों की कहानी

बॉलीवुड एक्टर अनुपम खेर का मुकाम जो आज है वहां तक पहुंचने के लिए उन्होंने बहुत मेहनत की है. थिएटर्स से लेकर बड़े पर्दे पर पहुंचने में अनुपम खेर ने हर वो दौर देखा है, जिसमें उन्हें खाने या पैसों के लिए तरसना पड़ा है. आजकल अनुपम खेर अपने होम प्रोडक्शन में बनी फिल्म तन्वी द ग्रेट को लेकर सुर्खियों में हैं. इस फिल्म को अनुपम खेर ने डायरेक्ट भी किया है, प्रोड्यूस भी किया है और इसमें वो नजर भी आ रहे हैं. इसी फिल्म के प्रमोशन के बीच अनुपम खेर का एक इंटरव्यू काफी वायरल हो रहा है.

हाल ही में अनुपम खेर एक शो आपकी अदालत में पहुंचे, और यहां कई सवालों के जवाब एक्टर ने दिए. उसी बीच अनुपम खेर ने अपने संघर्ष के दिनों को याद किया और एक पुराना किस्सा सुनाया. उस किस्से में सतीश कौशिक का भी जिक्र हुआ और उन्होंने कहा कि किस तरह से वो लोग बिना इनविटेशन के अच्छा खाना खाने के लिए शादियों में पहुंच जाया करते थे.

अनुपम खेर कैसे खाते थे शादियों में खाना?

शो में अनुपम खेर ने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए कहा, ‘जब मैं बॉम्बे में काम ढूंढ रहा था तब अच्छा खाना खाने के लिए तरस जाया करता था. उस समय मेरे ब्राउन कलर की दाढ़ी हुआ करती थी और लोग मुझे अंग्रेज समझा करते थे. मैंने एक प्ले किया था ‘थ्री थ्री पेनी’ ओपेरा नाम का, तो उसमें एक व्हाइट सूट मुझे दिया गया था पहनने को, वो मैंने अपने पास रख लिया था. तब सतीश कौशिक और मेरे एक-दोस्त थे जो मुझे वो व्हाइट सूट पहनाते थे और मैं रिंग वाला चश्मा पहनता था, पूरा अंग्रेज लगता था और ऐसे वो लोग मुझे शादी में ले जाते थे.’

‘हम हिंदुस्तानियों की बड़ी आदत है अंग्रेज को देखने की. तो सतीश और वो दोस्त मुझे शादी में ले जाकर उन लोगों से मिलवाते थे. कहते थे ये हैं मिस्टर बर्टोल्ड ब्रेथ फ्रॉम जर्मनी, और सतीश हमेशा कहता था कि ये जर्मनी के फेमस राइटर हैं और इन्होंने ये ये किया है… और मैं चश्मा लगाकर जलेबी खाता था, कचौड़ी खाता था और खाना खाता था. और ऐसी बहुत सारी शादियां हमने इसी तरह अटैंड की हैं.’

अनुपम खेर का फिल्मी करियर कैसा रहा?

NSD से पढ़ाई खत्म करने के बाद अनुपम खेर कुछ समय चंडीगढ़ में रहे और फिर बॉम्बे (अब मुंबई) आ गए थे. मुंबई में अनुपम खेर ने बहुत काम ढूंढा और फिर उन्हें महेश भट्ट ने पहला मौका दिया था. 1984 में फिल्म संघर्ष आई जिसमें 27 साल के अनुपम खेर ने 60 साल के बूढ़े का रोल प्ले किया था और वो फिल्म हिट हुई.

इसके बाद अनुपम खेर ने ‘कर्मा’, ‘खलनायक’, ‘तेजाब’, ‘दिल’, ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’, ‘हम आपके हैं कौन’, ‘राम लखन’, ‘डर’, ‘चांदनी’, ‘शोला और शबनम’, ‘विवाह’, ‘कुछ कुछ होता है’ जैसी तमाम सुपरहिट और ब्लॉकस्टर फिल्मों में काम किया है. अनुपम खेर के होम प्रोडक्शन हाउस में बनी फिल्म तन्वी द ग्रेट 18 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है.