मुरैना जिले की सड़कों पर सफर करना अब बेहद जोखिमभरा होता जा रहा है। यातायात पुलिस के आधिकारिक आंकड़े इस खतरे की पुष्टि करते हैं। बीते छह महीनों (1 जनवरी से 30 जून 2025) में मुरैना जिले में 624 सड़क हादसे दर्ज किए गए, जिनमें 177 लोगों की जान चली गई और 644 लोग घायल हुए। ये आंकड़े बताते हैं कि जिले में औसतन हर दिन तीन सड़क हादसे होते हैं, जिनमें एक व्यक्ति की मौत और चार लोग घायल हो जाते हैं।
जून बना हादसों का सबसे खतरनाक महीना
जून 2025 में ही सबसे ज्यादा हादसे हुए। 116 दुर्घटनाएं, 40 मौतें और 156 लोग घायल हुए। यह वही महीना था जब पुलिस और यातायात विभाग ने सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता अभियान भी चलाए। बावजूद इसके, हादसों की रफ्तार नहीं थमी।
नेशनल हाईवे पर सबसे ज्यादा हादसे
मुरैना जिले से दो नेशनल हाईवे – NH-44 और NH-552 गुजरते हैं, और सबसे ज्यादा हादसे इन्हीं सड़कों पर हो रहे हैं।
- NH-44 (धौलपुर रोड, ग्वालियर रोड, टेकरी, जेके टायर फैक्ट्री क्षेत्र आदि)
- NH-552 (नीवरी चौराहा, बिलगांव, कैलारस, गत्ता फैक्ट्री फाटक तक)
इन इलाकों में पांच साल से ब्लैक स्पॉट चिन्हित हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
ब्लैक स्पॉट बने जानलेवा इलाके
ब्लैक स्पॉट ऐसे स्थान होते हैं, जहां लगातार दुर्घटनाएं होती हैं।
इन स्थानों पर रेड सिग्नल, स्पीड ब्रेकर, चेतावनी बोर्ड या रोड मार्कर जैसे सुरक्षा उपाय अब तक नहीं लगाए गए। नतीजा – हर महीने कई कीमती जानें जा रही हैं।
तेज रफ्तार बस चंबल नहर में गिरी, बड़ा हादसा टला
चिन्नौनी थाना क्षेत्र के सिंगरौली गांव के पास तेज रफ्तार बस अनियंत्रित होकर चंबल नहर में गिर गई। हादसे के वक्त बस में 10-12 लोग सवार थे। गनीमत रही कि कोई जानहानि नहीं हुई। लेकिन हादसे में 3 लोग घायल हो गए। बस की नंबर प्लेट पर पंजीकरण नंबर भी नहीं था, जिससे नियमों की अनदेखी साफ दिखती है।
माहवार हादसों का ग्राफ (जनवरी-जून 2025)
माह हादसे-मौतें-घायल-गंभीर घायल
- जनवरी 92-18-88-06
- फरवरी 84-19-97-03
- मार्च 114-33-99-05
- अप्रैल 89-32-68-01
- मई 129-35-114-04
- जून 116-40-156-01
- कुल 624-177-622-20
क्या होना चाहिए समाधान?
- स्पीड कंट्रोल के लिए सख्त नियम लागू हों
- ब्लैक स्पॉट्स पर जल्द से जल्द सड़क सुरक्षा उपाय किए जाएं
- तेज रफ्तार वाहनों पर फाइन और लाइसेंस निलंबन
- बस और ट्रक फिटनेस चेकिंग अभियान शुरू है