इंदौरियों की रग-रग में स्वच्छता के संस्कार, इतिहास रचकर सुपर स्वच्छ लीग में फिर नंबर वन

इंदौरियों की रग-रग में स्वच्छता के संस्कार, इतिहास रचकर सुपर स्वच्छ लीग में फिर नंबर वन

इंदौर ने एक बार फिर स्वच्छता में अपनी श्रेष्ठता साबित की है और सुपर स्वच्छ लीग में नंबर वन का स्थान हासिल किया है। शहर की इस सफलता के पीछे इंदौरियों के स्वच्छता के संस्कार और नागरिकों की सक्रिय भागीदारी है। इंदौर ने अपनी स्वच्छता की आदत को बनाए रखते हुए इस बार भी देश के सभी शहरों में सबसे आगे रहा है।

इंदौर ने एक बार फिर बता दिया कि स्वच्छता में उसका कोई सानी नहीं है। गुरुवार सुबह जब दिल्ली के विज्ञान भवन में नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, निगमायुक्त शिवम वर्मा और महापौर पुष्यमित्र भार्गव महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के हाथों से सम्मान स्वीकार कर रहे थे, हर इंदौरी खुद को गौरवांवित महसूस कर रहा था। जिन अष्टसिद्धियों को पाने का संकल्प हमने 11 मार्च 2024 को स्वच्छता का सातवां आसमान छूते वक्त लिया था, उन्हें आखिर पा ही लिया।

अब तक स्वच्छ सर्वेक्षण में 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों की श्रेणी में शामिल रहे इंदौर को इस बार सुपर स्वच्छ लीग में रखा गया था, लेकिन पिछले सात वर्ष की तरह इंदौर ने यहां भी खुद को पहले स्थान पर कायम रखा। इस बार प्रतियोगिता में 4,989 शहर थे। इन सबमें इंदौर को सबसे ज्यादा अंक मिले।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कई मौकों पर कह चुके हैं कि इंदौरियों को नंबर वन पर रहने की आदत है, गुरुवार को यह बात एक बार फिर साबित हो गई। कहा जाता है कि नंबर वन पर पहुंचना जितना आसान है, उतना ही मुश्किल है इस पर लगातार बने रहना। इंदौर ने इस चुनौती को स्वीकारा और जीत हासिल की। कोई शहर यूं ही नहीं नंबर वन बन जाता। दरअसल स्वच्छता इंदौरियों के संस्कार में हैं, यहां के नागरिकों के रग-रग में रची-बसी है। आने वाले समय में चुनौतियां और कठिन होंगी।

अष्टसिद्धि पाने के साथ ही इंदौर अब नई भूमिका में आ चुका है। अब खुद को स्वच्छ बनाए रखने के साथ-साथ इंदौर की जिम्मेदारी एक अन्य शहर को भी स्वच्छ बनाने की है। निश्चित ही इंदौर इस कठिन परीक्षा में भी सफल होगा। आखिर हमारी आदत है नंबर वन आने की।

सुपर स्वच्छ लीग में शीर्ष पर रहने के मायने

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स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देते हुए इस बार सुपर स्वच्छ लीग में पांच अलग-अलग श्रेणियां बनाई गई थीं। दस लाख से ज्यादा जनसंख्या वाले शहरों की श्रेणी में इंदौर के साथ 11 अन्य शहर प्रतिस्पर्धा में शामिल थे। पिछले स्वच्छ सर्वेक्षण में सूरत ने इंदौर को कड़ी चुनौती दी थी। इंदौर को पहला स्थान उसके साथ साझा तक करना पड़ा था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ।

पिछली बार से सबक लेते हुए इंदौर ने इस बार ऐसी तैयारी की कि सूरत उसके आसपास भी नहीं पहुंच सका। सुपर स्वच्छ लीग में शीर्ष पर रहने से इंदौर की जिम्मेदारी बढ़ गई है। वह अब बड़े भाई की भूमिका में आ गया है। परिवार के सदस्यों का ध्यान रखना उसकी जिम्मेदारी हो गई है।