द वार जोन के मुताबिक पेंटागन के प्रमुख पीटर हेगसेथ ने इस फैसले को अभूतपूर्व बताया है. हेगसेथ का कहना है कि जिस तरीके से युद्ध में ड्रोन की भूमिका बढ़ रही है, उससे यह फैसला लेना अति आवश्यक है.
20 पाउंड वजनी ड्रोन हमेशा रखेंगे
पेंटागन ने अपने फरमान में कहा है कि नीचे से लेकर ऊपर तक के सभी सैनिक अपने साथ ड्रोन रखेंगे. सैनिकों को ड्रोन देने से पहले उन्हें ट्रेनिंग दी जाएगी. सैनिकों को कम से कम 20 पाउंड वजनी ड्रोन दिया जाएगा, जिससे सैनिक अपने साथ ठीक से रख सके.
रिपोर्ट के मुताबिक 20 पाउंड वजनी ड्रोन करीब 1200 फीट तक आसानी से उड़ सकता है. कहा जा रहा है कि आने वाले वक्त में अमेरिकी सैनिकों को 25 पाउंड वजन का ड्रोन दिया जाएगा. अमेरिका में करीब 9 लाख 50 हजार सैनिक हैं, जिसमें से 4.50 लाख एक्टिव सैनिक हैं.
ड्रोन का इस्तेमाल क्यों करेंगे सैनिक?
1. पीटर हेगसेथ के मुताबिक अमेरिकी सरकार ने सैन्य संचालन में ड्रोन इस्तेमाल का फैसला किया है. अमेरिका का मानना है कि जिस तरीके से युद्ध का पैटर्न बदल रहा है, उसमें ड्रोन का इस्तेमाल जरूरी है. डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि अमेरिका लाखों की संख्या में ड्रोन बनाने जा रहा है.
2. यूक्रेन जंग में ड्रोन ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई है. कम लागत के साथ-साथ ड्रोन सटीक वार करने में कारगर साबित हुआ है. ड्रोन के जरिए यूक्रेन और रूस के सैनिक आसानी से गोरिल्ला तरीके से जंग लड़ रहे हैं. ड्रोन से सैनिक अपना बचाव भी आसनी से कर ले रहे हैं. यही वजह है कि अमेरिका ड्रोन की तरफ जा रहा है.
3. अमेरिका ने अपने सैनिकों से ड्रोन का इस्तेमाल इसलिए भी करने के लिए कहा है. क्योंकि इससे अन्य देशों पर दबाव बढ़ेगा. अन्य देश भी अमेरिका की तरह ही ड्रोन का इस्तेमाल बढ़ाएंगे. इससे अमेरिका के ड्रोन बिक्री में बढ़ोतरी होगी. पेंटागन के इस फैसले को बिजनेस के नजरिए से भी देखा जा रहा है.