स्कूल बना तबेला, गोबर से भर गए क्लासरूम, अब मंदिर में लगी पाठशाला

स्कूल बना तबेला, गोबर से भर गए क्लासरूम, अब मंदिर में लगी पाठशाला

मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में मौजूद एक ऐसे स्कूल की तस्वीर सामने आई है, जिसने पूरी शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं. दरअसल, यहां एक स्कूल की हालत जर्जर होने पर बच्चों की कक्षाओं को पास के एक मंदिर में संचालित किया जा रहा है. वहीं स्कूल की जर्जर इमारत को मवेशियों ने अपना ठिकाना बना लिया है, जिससे शिक्षा व्यवस्था पर कई सवाल उठ रहे हैं.

मामला शिवपुरी जिले के रन्नौद तहसील के नेगमा गांव का है. यहां एक प्राइमरी स्कूल की जर्जर हालत ने प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा को लेकर किए जाने वाले दावों की पोल खोल दी है. हालात ये है कि जर्जर स्कूल में बच्चों की कक्षाओं को संचालित करना किसी खतरे से कम नहीं है. यही वजह है कि बच्चों को पास के एक मंदिर में पढ़ाया जा रहा है. लेकिन वहां दर्शनार्थियों की संख्या बढ़ने से छात्रों को समस्या हो रही है.

बच्चों ने सुनाया दर्द

स्कूल में पढ़ने वाले कई बच्चे ऐसे हैं जिन्होंने स्कूल जाना बंद कर दिया है. दरअसल, उनका कहना है कि जब स्कूल की इमारत ही नहीं तो मंदिर में दर्शनार्थियों के बीच में कैसे पढ़ाई संभव हो सकेगी. इसलिए हम स्कूल न जाना ही बेहतर समझते हैं. सरकार का कहना है कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा सस्ती है. ग्रामीण इलाकों में सरकारी स्कूल के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं. ऐसे में स्कूल की बिल्डिंग नहीं होने से परेशानी हो रही है.

मरम्मत के लिए भेजा गया प्रस्ताव

इस पूरे मामले में शिवपुरी डीपीसी डीएस सिकरवार ने कहा कि यह बात सही है कि नेगमा में स्कूल की इमारत खराब है. यह हमारी जानकारी में भी था, हमने इस भवन की मरम्मत के लिए प्रस्ताव राज्य शिक्षा केंद्र को भेजा है. एक स्कूल के भवन की मरम्मत के लिए 1 लाख 34 हजार रुपए की राशि स्वीकृत हो चुकी है. जल्द ही इस स्कूल के भवन को दुरूस्त करने की दिशा में भी काम किया जाएगा.