देश की सबसे बड़ी पेंट कंपनी एशियन पेंट्स ने एक झटके में 734 करोड़ रुपए की कमाई कर डाली है. एशियन पेंट्स के इस फैसले से बाकी कंपटीटर कंपनी देखती रह गई है. आपको बता दें बुधवार को एशियन पेंट्स ने अक्जो नोबेल इंडिया में अपनी 4.42 प्रतिशत की हिस्सेदारी 734 करोड़ रुपए में बेच दी, जिसके चलते एशियन पेंट्स के शेयर में तेजी देखने को मिली. आइए जानते हैं एशियन पेंट्स ने क्यों ये फैसला लिया.
एशियन पेंट्स ने कितने शेयर किए सेल?
अक्जो नोबेल इंडिया के एशियन पेंट्स के पास 20,10,626 शेयर थे, जिससे एशियन पेंट्स के पास कंपनी की 4.42% हिस्सेदारी थी. यह सौदा एक साथ बड़ी डील के ज़रिए हुआ, जिसमें हर शेयर की कीमत 3,651 रुपए थी और पूरी डील की कीमत लगभग 734 करोड़ रुपए की रही. जिसके बाद एशियन पेंट्स का अक्ज़ो नोबेल इंडिया में कोई निवेश नहीं बचा है.
एशियन पेंट्स ने मौके पर मारा चौका
एशियन पेंट्स ने आक्सो नोबेल इंडिया में अपनी हिस्सेदारी ऐसे समय पर बेची है जब पेंट इंडस्ट्री में तेज हलचल है, खासकर र JSW पेंट्स द्वारा ड्यूलक्स (Dulux) ब्रांड बनाने वाली कंपनी को 8,986 करोड़ रुपए में अधिग्रहण किया है. JSW के साथ हुई डील के तहत डच कंपनी (अक्ज़ो नोबेल) अपनी हिस्सेदारी दो प्रमोटर कंपनियों के ज़रिए बेचेगी. इम्पीरियल केमिकल इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड (जिसके पास 50.46% हिस्सेदारी है), और अक्ज़ो नोबेल कोटिंग्स इंटरनेशनल बी.वी. (जिसके पास 24.30% हिस्सेदारी) है.
एशियन पेंट्स के शेयर में आई तेजी
बुधवार को एशियन पेंट्स का शेयर 2,498.75 रुपए पर बंद हुआ, जो पिछले दिन से 0.57% ऊपर था. भारत का पेंट बाजार लगभग 90,000 करोड़ रुपए का है, जिसमें एशियन पेंट्स, बिड़ला ओपस, बर्जर पेंट्स, निप्पॉन पेंट्स (कंसाई नेरोलैक), इंडिगो पेंट्स और अक्ज़ो नोबेल इंडिया जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं. इस मुकाबले में हाल ही में हलचल उस वक्त और बढ़ गई जब आदित्य बिड़ला ग्रुप की कंपनी बिड़ला ओपस ने फरवरी 2024 में अपनी शुरुआत की.

