पाकिस्तान के एयर डिफेंस की पोल खुलते पूरी दुनिया ने देखी, अब पड़ोसी मुल्क इसे दुरुस्त करने में जुट गया है. पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में गुरुवार को तुर्की के मंत्री और चीन के एयरफोर्स चीफ एक साथ थे. भारत के तीन दुश्मन एक साथ जिस इमारत में दिखे वह पाकिस्तान का एयरफोर्स हेडक्वार्टर है.इससे ये तय माना जा रहा है कि हो न हो पाकिस्तान में कोई न कोई खिचड़ी तो जरूर पक रही है.
तुर्की के विदेश मंत्री हकान फिदान और रक्षा मंत्री यासिर गुलर पाकिस्तान के दौरे पर हैं, इससे ठीक पहले ही चीनी एयरफोर्स के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल वांग गैंग पाकिस्तान पहुंचे थे. उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत की ओर से की गई कार्रवाई पर पाकिस्तान की ओर से दिए गए जवाब की तारीफ भी की थी. खास बात ये है कि तुर्की के मंत्री और चीन के एयरफोर्स चीफ से मुलाकात करने से पहले पाकिस्तान के एयरफोर्स चीफ मार्शल जहीर अहमद बाबर सिद्धू ने अमेरिका का दौरा किया था.
पाकिस्तान में क्यों पहुंचे तुर्की के विदेश मंत्री?
तुर्की के विदेश मंत्री हकान फ़िदान और रक्षा मंत्री यासिर गुलर रक्षा उद्योग सहयोग सहित आपसी हितों के मुद्दों पर बातचीत के लिए पाकिस्तान में हैं. रेडियो पाकिस्तान की एक रिपोर्ट के मुताबिक तुर्की के मंत्रियों और पाक पीएम के बीच कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होनी है.इससे पहले शहबाज शरीफ और एर्दोआन ने भी मुलाकात की थी.यह मुलाकात इसलिए खास मानी जा रही है, क्योंकि इस चीन के वायुसेना प्रमुख भी पाक दौरे पर हैं. इसके अलावा तुर्की के पाकिस्तान के साथ मजबूत संबंध भी हैं. भारत के साथ सैन्य संघर्ष के दौरान भी तुर्की ने पाकिस्तान की मदद की थी.
चीन के एयरचीफ भी पाकिस्तान में
चीन के एयरचीफ वांग गैंग भी पाकिस्तान के दौरे पर हैं, उन्होंने इस्लामाबाद के एयरफोर्स हेडक्वार्टर में पाकिस्तान के एयरफोर्स चीफ मार्शल जहीर अहमद बाबर सिद्धू से मुलाकात की थी. इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस की एक रिपोर्ट के मुताबिक वांग गैंग ने पाक के प्रदर्शन की तारीफ की थी. बैठक के दौरान वायुसेना प्रमुखों ने आपसी हितों के मामले, परिचालन तालमेल के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के अवसरों पर चर्चा की.
आखिर क्या पक रही खिचड़ी?
तुर्की के मंत्रियों और चीन के एयरचीफ का पाक दौरे के समय पर नजर डालें तो ये बेहद अहम हो जाता है, दरअसल हाल में पाक के एयरचीफ अमेरिका दौरे से लौटे हैं जो पिछले 10 साल में किसी पीएएफ प्रमुख का पहला अमेरिकी दौरा है. इसके तुरंत बाद तुर्की के मिनिस्टर और चीन के एयरचीफ ने पाक पहुंचकर दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों को मजबूत करने की वकालत की है. माना जा रहा है कि ऑपरेशन सिंदूर के समय पाक के एयर डिफेंस की जो कमजोरी सामने आई थी, पाकिस्तान उसे दूर करना चाहता है. इसका सबूत आईएसपीआर का वह रिपोर्ट है, जिसमें कहा गया है कि पाक एयरचीफ ने चीन के एयरचीफ को आधुनिक बल संरचना, रणनीतिक पहल व अन्य जानकारियां दीं तथा आपसी साझेदारी और सामंजस्य को बढ़ाने पर सहमति जताई. पाक एयर चीफ मार्शल सिद्धू ने भी दोनों वायु सेनाओं के बीच मैत्री के मजबूत बंधन की पुष्टि की और प्रशिक्षण, प्रौद्योगिकी और परिचालन क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए पीएएफ की प्रतिबद्धता दोहराई.

