Hamidia Hospital में अतिक्रमण, दीवार पर हरा रंग और झंडा, डॉक्टरों ने जताया विरोध

Hamidia Hospital में अतिक्रमण, दीवार पर हरा रंग और झंडा, डॉक्टरों ने जताया विरोध

राजधानी भोपाल के हमीदिया अस्पताल में धार्मिक अतिक्रमण का मामला गर्माता जा रहा है। अस्पताल की बाउंड्री वॉल पर कुछ लोगों द्वारा हरे रंग का पेंट कर धार्मिक झंडा लगा दिया गया, जिसके बाद जूनियर डॉक्टरों ने विरोध शुरू कर दिया। मामले ने तूल पकड़ते हुए अब प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव तक पहुंच गया है। डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अस्पताल परिसर में लगातार हो रहे अतिक्रमण और सुरक्षा खामियों की ओर ध्यान आकर्षित किया है।

सुरक्षा बढ़ाने की उठी मांग

Hamidia Hospital परिसर में लगातार हो रहे धार्मिक अतिक्रमण को लेकर जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने मोर्चा खोल दिया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. कुलदीप गुप्ता ने बताया कि बाहरी लोगों की लगातार आवाजाही के कारण अस्पताल परिसर की सुरक्षा पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। डॉक्टरों और कर्मचारियों के साथ बदसलूकी के कई मामले सामने आ चुके हैं। जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि अस्पताल का माहौल सुरक्षित होना चाहिए ताकि डॉक्टर बिना किसी डर के मरीजों की सेवा कर सकें।

Hamidia Hospital: धार्मिक अतिक्रमण बन रहा गंभीर समस्या

डॉक्टरों की ओर से मुख्यमंत्री को भेजी गई शिकायत में साफ कहा गया है कि गांधी मेडिकल कॉलेज और हमीदिया अस्पताल, जो मध्यप्रदेश के प्रमुख चिकित्सा और शिक्षण संस्थान हैं, वहां धार्मिक अतिक्रमण की समस्या बढ़ती जा रही है। बाहरी लोग परिसर में धार्मिक गतिविधियों के बहाने प्रवेश कर रहे हैं और कुछ अंदर के लोग भी इसमें सहयोग कर रहे हैं। इससे न केवल अस्पताल की गरिमा प्रभावित हो रही है बल्कि महिला डॉक्टरों और अन्य स्टाफ की सुरक्षा भी खतरे में पड़ रही है। ऐसे माहौल में न तो पढ़ाई ठीक से हो पा रही है और न ही चिकित्सा सेवाएं।

सुरक्षा व्यवस्था पर असर

शिकायत में यह भी कहा गया है कि हमीदिया अस्पताल, जो सिर्फ चिकित्सा शिक्षा और मरीजों की देखभाल के लिए बनाया गया है, इस तरह के असंवैधानिक अतिक्रमण से गंभीर चिंता है। इससे न केवल अस्पताल का वातावरण प्रभावित हो रहा है बल्कि डॉक्टरों, मरीजों और छात्रों को मानसिक तनाव झेलना पड़ रहा है।

Hamidia Hospital: जूनियर डॉक्टरों की प्रमुख मांगे

जूनियर डॉक्टरों ने प्रदेश सरकार से तीन अहम मांगें रखी हैं:

  • अस्पताल परिसर में हो रहे अवैध धार्मिक अतिक्रमणों की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए।
  • बाहरी लोगों की अनाधिकृत एंट्री पर रोक लगाई जाए और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जाए।
  • अस्पताल परिसर में चिकित्सा शिक्षा और रोगी देखभाल के अनुकूल सुरक्षित माहौल बनाए रखने के लिए प्रशासनिक कार्रवाई हो।

पहले भी हो चुके हैं अतिक्रमण के मामले

यह कोई पहली बार नहीं है जब Hamidia Hospital परिसर में अतिक्रमण का मामला सामने आया है। पिछले साल भी लाइब्रेरी के पास बनी मजार को बढ़ाने को लेकर विवाद हुआ था। उस समय प्रशासन ने कार्रवाई की बात कही थी लेकिन ठोस कदम अब तक नहीं उठाए गए। बार-बार हो रहे इन विवादों ने अस्पताल के माहौल को असुरक्षित और तनावपूर्ण बना दिया है।

Hamidia Hospital: सरकार से कड़ी कार्रवाई की उम्मीद

अब जब मामला प्रदेश के मुख्यमंत्री तक पहुंच चुका है, जूनियर डॉक्टरों समेत अस्पताल के स्टाफ को उम्मीद है कि सरकार इस बार सख्त कदम उठाएगी। डॉक्टरों का कहना है कि चिकित्सा संस्थानों को राजनीति और धार्मिक गतिविधियों से दूर रखा जाना चाहिए ताकि मरीजों और छात्रों दोनों को सुरक्षित और शांतिपूर्ण माहौल मिल सके।