उज्जैन में 12 अगस्त को शाम 6 बजे एक महिला के पास क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर का फोन आया कि तुम घर में मछली और कछुए पालती हो. क्या तुमको पता है कि यह गैरकानूनी है और इसके लिए तुम्हारे खिलाफ एफआईआर दर्ज कर तुमको जेल भी भेजा जा सकता है. जेल जाने की बात सुनकर जैसे ही महिला घबराई तो अपने आपको क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर बताने वाले व्यक्ति ने उसे और भी डराया धमकाया.
उसने महिला से इस फोन कॉल की बात किसी को भी न बताने को कहा और लगभग 40 घंटे तक उसको डिजिटल अरेस्ट करते हुए 5 लाख 9 हजार रुपए की ठगी कर ली. पूरा मामला बिरलाग्राम थाना क्षेत्र का है. थाना क्षेत्र की रहने वाली सरोज (50) अगस्त के महीने में तबीयत खराब होने पर नागदा में रहने वाली अपनी बहन के घर गई थीं.
वहां पर सरोज को 12 अगस्त के दिन एक व्यक्ति का फोन आया, जिसने अपने आपको क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर बताकर सरोज से कहा कि घर में मछली और कछुए पालना गैर कानूनी है. उसने कहा कि हमें पता है कि तुम्हारे घर में मछली और कछुए हैं. इसके लिए तुम्हारे खिलाफ FIR होगी और तुम्हें जेल भी जाना पड़ेगा. सरोज के घर पर क्योंकि मछली और कछुए हैं, इसीलिए वह घबरा गईं.
महिला ने गहने गिरवी रखकर दिए पैसे
इसके बाद सरोज बिना कोई जांच-पड़ताल किए उसकी बात मानने लगीं. 12 से 14 अगस्त के बीच लगभग 40 घंटे तक सरोज नागदा में अपनी बहन के घर पर ही डिजिटल अरेस्ट रहीं. सरोज ने 14 अगस्त को अपने गहने गिरवी रखकर फोन लगाने वाले व्यक्ति को पुलिस अधिकारी मानकर 5 लाख 9 हजार रुपए दे डाले.
सरोज ने पुलिस को बताया कि धोखेबाजों ने उसे डिजिटल अरेस्ट करने के साथ ही अपने झांसे में लेने के लिए किसी अन्य व्यक्ति से भी फोन लगवाया था, जिसका यही कहना था कि उसने भी अपने घर पर मछली और कछुए पाल रखे थे, जिसके लिए उसके खिलाफ करवाई की गई और गिरफ्तारी भी हुई. इस मामले मे 15 अगस्त को बिरलाग्राम थाने में शिकायत की गई थी.
FIR हुई तो पकड़ाए धोखेबाज
इसके बाद पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगालने के साथ जांच शुरू की और सभी धोखेबाजों को गिरफ्तार कर लिया. बिरलाग्राम थाने के एसआई जितेंद्र पाटीदार ने बताया कि महिला को ठगने वाले राजेश उर्फ राज निवासी गांव गुणवद, युक्ति बैरागी निवासी रतलाम और बलराम जाट निवासी गुणवद को कॉल डिटेल के आधार पर गिरफ्तार कर लिया गया है. उनके पास से लगभग 2 लाख 89 हजार रुपए भी जब्त कर लिए गए हैं.
डिजिटल अरेस्ट के दौरान सरोज माली को इतना डराया गया कि उसने अपने साथ हो रहे घटनाक्रम के बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं दी. उसने चुपचाप अपने गहने नागदा में एक ज्वेलर के यहां गिरवी रखकर 5 लाख नौ हजार की राशि जुटाई और धोखेबाजों को दे दी. ग्रामीण एडिशनल एसपी मयूर खंडेलवाल ने बताया कि महिला ने अपनी ज्वेलरी गिरवी रखकर यह राशि धोखेबाजों को दी थी. ज्वेलर कौन था, उसके बारे में भी अभी पूछताछ की जा रही है.
बहन को भी कुछ नहीं बताया
सरोज तबीयत खराब होने पर अपनी बहन के घर नागदा गई हुई थीं, इसीलिए परिवार के कोई भी सदस्य उसके साथ नहीं थे. डिजिटल अरेस्ट के इस मामले में सरोज ने अपनी बहन को भी कुछ नहीं बताया. इस ठगी के बाद सरोज ने पुलिस के पहले अपनी बहन को इस बारे में जानकारी दी थी और फिर थाने पहुंचकर इस बारे में शिकायत दर्ज करवाई थी.