2 दिन, 2 हादसे, 4 श्रद्धालुओं की मौत… पंडित प्रदीप मिश्रा के कुबेरेश्वर धाम में गई इन जानों का जिम्मेदार कौन?

2 दिन, 2 हादसे, 4 श्रद्धालुओं की मौत… पंडित प्रदीप मिश्रा के कुबेरेश्वर धाम में गई इन जानों का जिम्मेदार कौन?
कुबेरेश्वर धाम कावड़ यात्रा

सीहोर के सिवान नदी से शुरू हुई कावड़ यात्रा कुबेरेश्वर धाम पहुंच गई हैं. यह यात्रा करीब 11 किलोमीटर की थी, जिसमें बुधवार को पांच लाख लोगों के साथ पंडित प्रदीप मिश्रा निकले थे. बड़ी संख्या में देशभर से लोगों को इस कावड़ यात्रा में शामिल होने का न्योता दिया गया था. महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग और युवा सहित सभी उम्र और वर्ग के लोगों ने इसमें बढ़ चढ़कर भगा दिला. हालांकि, यात्रा शुरू होने से पहले ही मंगलवार दोपहर कुबेरेश्वर धाम मंदिर में भगदड़ मच गई थी, जिसमें 2 महिलाओं की मौत हो गई.

वहीं, कई अन्य श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हो गए. पुलिस और प्रशासन ने जैसे-तैसे स्थिति को सामान्य कराया. बुधवार की सुबह सिवान नदी से जल लेकर इस कावड़ यात्री की शुरूआत हुई, जो कि कुबेरेश्वर धाम तक पहुंची. इस दौरान दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जिसमें से एक हरियाणा और दूसरा गुजरात का रहने वाला था. दोनों लोग यात्रा में शामिल होने के लिए थे. हालांकि, उन्हें और उनके परिवार को इस बात की बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि यह उनकी आखिरी कांवड़ यात्रा होगी.

कुबेरेश्वर धाम की कावड़ यात्रा

सिवान नदी के तट से लेकर कुबेरेश्वर धाम तक की 11 किलोमीटर की इस कावड़ यात्रा में शामिल होने के लिए बीते कई दिनों से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं पहुंच रहे थे. इतने बड़े कार्यक्रम को व्यवस्थित रूप से पूरा कराने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल, मेडिकल टीम, कावड़ यात्रा रुट साफ-सफाई और ट्रैफिक डायवर्जन की व्यवस्था की गई थी. हालांकि, इन सबके बावजूद मंगलवार को रुद्राक्ष बांटने के दौरान भगदड़ मच गई थी, जिसमें दो महिलाएं दब गई थी. इससे उनकी मौत हो गई थी.

श्रद्धालुओं की मौत

इसके बाद बुधवार को भी दो श्रद्धालु मौत हुईं, जिसमें से एक की होटल के सामने खड़े-खड़े गिरने से, तो वहीं दूसरे की कुबेरेश्वर धाम में अचानक चक्कर खाकर गिरने से मौत हो गई. ऐसा अनुमान जताया जा रहा है कि भीड़ भाड़ ज्यादा होने कारण दोनों का दम घुट गया, जिससे उनकी मौत हो गई. श्रद्धालु ने पुलिस पर व्यवस्था में लापरवाही बरतने के भी आरोप लगा हैं. उन्होंने कहाकि पुलिस, प्रशासन और कुबेरेश्वर धाम की तरफ से भीड़ को नियंत्रित करने के लिए उचित रणनीति तैयार की होती, तो शायद ये हादसे टल सकते थे.

बड़ी संख्या में लोगों को यात्रा में शामिल होने के लिए बुलाया गया था, लेकिन भीड़ को कंट्रोल करना इस दौरान पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ था. पंडित प्रदीप मिश्रा के कुबेरेश्वर धाम में हुए हादस की जांच भी शुरू हो गई है.