भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच यह टेस्ट 7 से 11 फरवरी के बीच खेला गया था। टीम इंडिया सीरीज में 1-0 से पीछे थी। यह मैच गावस्कर के गुस्से के अलावा घायल होने के बाद भी कपिल देव के मैदान पर उतरने और शानदार प्रदर्शन करने के लिए याद किया जाता है।
जब ऑस्ट्रेलिया में भारतीय टीम की बड़ी टेस्ट जीत की बात आती है, तो 1981 में मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (एमसीजी) में खेले गए टेस्ट का जिक्र जरूर आता है। भारतीय टीम ने कपिल देव और सुनील गावस्कर के शानदार प्रदर्शन की बदौलत कंगारुओं को उनके घर में 59 रन की शिकस्त दी थी।
India vs Australia: चौथी पारी में टीम इंडिया ने किया 143 रन का बचाव
- 1981 में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बेसन एंड हेजेज सीरीज खेली गई थी। ऑस्ट्रेलिया ने पहला टेस्ट जीता था। दूसरा टेस्ट ड्रा रहा था। तीसरा टेस्ट 7 से 11 फरवरी के बीच मेलबर्न में खेला गया।
- भारतीय टीम की कप्तानी सुनील गावस्कर के पास थी, जबकि कंगारू टीम को ग्रेग चैपल लीड कर रहे थे। गावस्कर ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। पहली पारी 237 पर खत्म हुई।
- टीम इंंडिया की ओर से गुंडप्पा विश्वनाथ ने सबसे ज्यादा 114 रन की पारी खेली। इसके अलावा कोई बल्लेबाज 25 रन से ज्यादा का स्कोर नहीं छू सका। जवाब में मेजबान टीम ने 419 रन बनाए।
- इस तरह ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में 182 रन की महत्वपूर्ण बढ़त हासिल हुई। सीरीज बचाने के लिए अब टीम इंडिया की बल्लेबाजी पर दारोमदार था। गावस्कर और चेतन चौहान ने शानदार शुरुआत की।
- दोनों ने पहले विकेट के लिए 165 रन जोड़े। गावस्कर 70 रन पर आउट हो गए। चेतन चौहान (85 रन) भी शतक चूक गए। कुल मिलाकर टीम इंडिया की दूसरी पारी 324 पर खत्म हो गई।
- इस तरह ऑस्ट्रेलिया को टेस्ट मैच और सीरीज जीतने के लिए 143 रन की दरकार थी। टीम इंडिया की परेशानी तब बढ़ गई, जब मैच के चौथे दिन कपिल देव घायल होकर मैदान से बाहर चले गए।
घायल कपिल ने दिखाया कमाल
भारतीय टीम ने चौथी पारी की शुरुआत कपिल देव के बिना की। चौथे दिन का खेल खत्म होने तक ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 3 विकेट के नुकसान पर 24 रन था। दिन का खेल खत्म होने के बाद कपिल देव को तैयार किया गया।
अगले दिन कपिल ने शानदार गेंदबाजी की और 16.4 ओवर में 28 रन देकर पांच विकेट लिए। इस तरह ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी 83 रन पर सिमट गई और भारत ने यह मुकाबला 59 रन से जीत लिया। सीरीज 1-1 से बराबर रही।
गावस्कर का गुस्सा दुनियाभर में बना था चर्चा का केंद्र
मैच के चौथे दिन कुछ ऐसा ड्रामा हुआ, जिसकी चर्चा आज तक होती है। दूसरी पारी में जब गावस्कर को एलबीडब्ल्यू आउट दिया गया, तो कप्तान भड़क गए। उन्होंने अंपायरिंग पर सवाल उठाते हुए मैच का बहिष्कार कर दिया। वे अपने बल्लेबाजी पार्टनर चेतन चौहान को लेकर मैदान से बाहर आ गए।
हालांकि बाद में गावस्कर को मनाया गया और मैच दोबारा शुरू हुआ। उस घटनाक्रम के बारे में जिक्र करते हुए 2014 में गावस्कर ने कहा था कि उन्हें ऐसा व्यवहार नहीं करना था। गावस्कर ने तब कहा था कि भले ही मुझे गलत आउट दिया गया, लेकिन मैदान छोड़कर बाहर आना गलत था।